फर्जी प्रमाणपत्र से बच्चों को स्कूल में दाखिला देने के आरोप में 6 स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, पढ़ें पूरी खबर
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फर्जी प्रमाणपत्र से बच्चों को स्कूल में दाखिला देने के आरोप में 6 स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, पढ़ें पूरी खबर

कोरोना महामारी के चलते साल 2021 में 12वीं कक्षा का बिना परीक्षा के नियम अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया. जिसमें जिन बच्चों ने परीक्षा दी उनके कागजातों की जांच की तो जिला पलवल के 6 स्कूलों के 6 बच्चों के 10वीं व 11वीं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. मामले का भंडाफोड़ तक हुआ जब बोर्ड ने बच्चों के पुरानी कक्षाओं के असल प्रमाण पत्र अपने पास मंगवाकर उनकी जांच कराई.

फर्जी प्रमाणपत्र से बच्चों को स्कूल में दाखिला देने के आरोप में 6 स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, पढ़ें पूरी खबर

रुस्तम जाखड़/पलवलः कोरोना महामारी के चलते साल 2021 में 12वीं कक्षा का बिना परीक्षा के नियम अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया. जिसमें जिन बच्चों ने परीक्षा दी उनके कागजातों की जांच की तो जिला पलवल के 6 स्कूलों के 6 बच्चों के 10वीं व 11वीं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. मामले का भंडाफोड़ तक हुआ जब बोर्ड ने बच्चों के पुरानी कक्षाओं के असल प्रमाण पत्र अपने पास मंगवाकर उनकी जांच कराई.

इस संबंध में बोर्ड सचिव की ओर से आई शिकायत पर इकॉनोमिक सैल ने जांच कर कैंप थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए कागजात भेज दिया. कैंप थाना पुलिस ने ऐसे छह बच्चों व छह स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. कैंप थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा विद्यालय बोर्ड की ओर से आई शिकायत में कहा गया है कि साल 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ.

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जिन अभ्यार्थियों को वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा पूर्ण विषयों के अंतर्गत सम्मिलित होना था, लेकिन कोरोना महामारी चलते परीक्षा रद्द हो गई. सरकार व शिक्षा विभाग ने तय निति के अनुसार बोर्ड को साल 2021 में परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने थे. जिसके लिए साल 2021 की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के पात्रता संबंधित दस्तावेज चैक करने के उपरांत पाया कि कुछ परीक्षार्थियों के माध्यमिक सेकेंडरी प्रमाण पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के समकक्ष नहीं है. अर्थार्थ माध्यमिक प्रमाण पत्र फर्जी है.

उन्होंने शिकायत में कहा कि विद्यालयों को भी ऐसे परीक्षार्थियों को विद्यालयों में प्रवेश के समय परीक्षा का पात्रता से संबंधित दस्तावेज चैक करने उपरांत प्रवेश दिया जाना चाहिए था. जांच का विषय है कि परीक्षार्थियों को फर्जी प्रमाण पत्र किस माध्यम से उपलब्ध हुए. ऐसे माध्यमों का पता करना तथा उनपर रोक लगाना अति आवश्यक है, क्योंकि इन माध्यमों का प्रलोभनों के कारण परीक्षार्थियों के आर्थिक शोषण के साथ-साथ उनके भविष्य से खिलवाड किया जा रहा है.

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प्रलोभन वश ऐसे माध्यमों का शिकार छात्र भी दोषी है, क्योंकि इन्हीं के कारण ऐसे माध्यमों को बढ़ावा मिल रहा है. जिन विद्यालयों द्वारा नियमों के विरुद्ध माध्यमिक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ऐसे परीक्षार्थियों को अप्रैल 2021 को परीक्षाओं हेतु सम्मलित करवाया गया था, ऐसे दोषी परीक्षार्थियों का वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा परिणाम बोर्ड द्वारा रद्द घोषित किया गया है. प्रदेश में ऐसे 92 विद्यालय है जिन्होंने 129 परीक्षार्थियों को माध्यमिक के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्रवेश दिया गया है. जबकि पलवल जिले में छह विद्यालयों ने छह बच्चों को प्रवेश दिया है. कैंप थाना ने छह बच्चों के साथ छह स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

जिले में किन-किन के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज

जिले के किशोरा विद्या मंदिर स्कूल बामनीखेड़ा, नेशनल पब्लिक स्कूल चिरवाड़ी, जेसीबी मॉडर्न स्कूल पलवल, संत ज्ञानेश्वर स्कूल पलवल, जीवन ज्योति सीनीयर सेकेंड्री स्कूल पलवल व बीएन मॉडल स्कूल पलवल शामिल है. आरोपी छात्रों में विक्रांत, भारती,  विकास, करन, अनिल व चंचल और प्रिंसिपलों में रवि कुमार, घनश्याम, हितेश शर्मा, जुगनु गौर, अशोक गहलौत व अभिनन्दन शामिल है.

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