भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाएंगे 114 फाइटर जेट, इस लड़ाकू विमान पर सबसे ज्यादा भरोसा
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1218467

भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाएंगे 114 फाइटर जेट, इस लड़ाकू विमान पर सबसे ज्यादा भरोसा

देश की सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए Global and Make in India योजना के तहत केवल 18 को तैयार हालत में खरीदा जाएगा, बाकी 96 को विदेशी कंपनी के सहयोग से देश में ही बनाया जाएगा.

भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाएंगे 114 फाइटर जेट, इस लड़ाकू विमान पर सबसे ज्यादा भरोसा

कृष्णमोहन मिश्रा/ नई दिल्ली : देश की सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए वायुसेना में अत्याधुनिक फाइटर जेट का बेड़ा बढ़ाने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है. भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट की घटती संख्या को पूरा करने के लिए 2007 में 126 आधुनिक लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन 2015 में इसे रद्द कर दिया गया था.

अब एक बार फिर 114 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी की जा रही है. इनमें से केवल 18 को तैयार हालत में खरीदा जाएगा, बाकी 96 को विदेशी कंपनी के सहयोग से देश में ही बनाया जाएगा. इस तरह लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही वायुसेना को इस सौदे से काफी राहत मिलेगी. 

इन लड़ाकू विमानों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. Buy Global and Make in India योजना के तहत इन 114 लड़ाकू विमानों में से 96 को भारतीय कंपनी भारत में ही बनाएगी.

18 तैयार एयरक्राफ्ट के आने के बाद अगले 36 फाइटर जेट को बनाने के लिए भारतीय कंपनी  कुछ कीमत विदेशी मुद्रा और कुछ भारतीय मुद्रा में चुकाएगी. बचे 60 फाइटर जेट को भारत में बनाया जाएगा और इसका पूरा भुगतान भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा. संभावना है कि बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, साब, मिग, दसॉल्ट जैसे दुनिया के सभी बड़े एयरक्राफ्ट निर्माता इस बड़े सौदे के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे. 

42 फाइटर स्क्वाड्रनों की जरूरत, हैं 32 

चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर देश की सुरक्षा करने के लिए भारतीय वायुसेना को 42 फाइटर स्क्वाड्रनों की जरूरत है. एक स्क्वाड्रन में 16-18 एयरक्राफ्ट होते हैं, लेकिन पुराने विमानों के रिटायर होने से ये तादाद घटकर 32 स्क्वाड्रन तक आ चुकी है. इनमें भी कई स्क्वाड्रन मिग-21, जगुआर जैसे फाइटर जेट्स की हैं, जो चार दशक से ज्यादा पुराने हो चुके हैं.

अंबाला और हाशीमारा में तैनात हैं रफाल 

फ्रांस से रफाल फाइटर जेट की दो स्क्वाड्रन खरीदी गई हैं, जिन्हें चीन और पाकिस्तान दोनों ही मोर्चों को ध्यान में रखकर अंबाला और उत्तर-पूर्व में हाशीमारा एयरबेस पर तैनात किया गया है. हालांकि इनसे भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट्स की कमी पूरी नहीं हो पा रही है. पुराने जेट्स को धीरे-धीरे रिटायर किया जा रहा है, इसलिए स्क्वाड्रनों की तादाद और कम हो रही है. सूत्रों का कहना है कि नए फाइटर खरीदने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. 

WATCH LIVE TV

भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट्स की कमी को पूरा करने के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की खरीद के नए ऑर्डर दिए गए हैं. पहले वायुसेना ने दो स्क्वाड्रन तैयार करने के लिए 40 तेजस जेट्स खरीदे थे, जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है. वायुसेना के लिए 83 उन्नत तेजस के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं, जिनकी सप्लाई 2024 से 2028 के बीच होने की संभावना है. भारत 21 मिग-29 और 12 सुखोई जेट्स खरीदने के लिए भी रूस से चर्चा कर रहा है. स्वदेशी एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (​AMCA) को बनाने का काम अभी अपने शुरुआती दौर में ही है.