2024 के रण में मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकता बेहद जरूरी है और ताजा हालातों में ऐसा नजर नहीं आ रहा है. मोदी के सामने अभी तक किसी भी मुद्दे पर विपक्ष एकजुट नहीं हो सका है.
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Sharad Pawar Statements: देश में पिछले कुछ दिनों से उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर काफी चर्चा है. कांग्रेस सहित विपक्ष में शामिल कई दल इस मामले में मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अब इस मुद्दे पर भी विपक्ष में भी फूट पड़ चुकी है. एनसीपी प्रमुख शरद यादव ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को गलत बताया.
पवार ने कहा कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे. उन्होंने कहा कि टाटा का देश में योगदान है. उन्होंने कहा कि आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है. पवार ने कहा कि JPC में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत होता है उससे सच्चाई सामने नहीं आ पाती है. इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ही सही विकल्प है.
पवार का बयान नीतीश के लिए झटका
पवार का यह विपक्षी एकता और पीएम पद के दावेदार नीतीश कुमार के लिए झटका माना जा रहा है. दरअसल, मोदी के खिलाफ नीतीश कुमार इस समय विपक्ष की ओर से बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. नीतीश की कोशिश है कि विपक्ष को एक मंच पर लाया जाए. हालांकि, उनके नाम पर भी अभी तक कोई रायसुमारी नहीं बन सकी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से फोन आने पर उनके हौंसले जरूर बढ़े थे, लेकिन पवार ने उन्हें झटका दे दिया है.
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बिखरा विपक्ष, मोदी के लिए फायदा
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2024 के रण में मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकता बेहद जरूरी है और ताजा हालातों में ऐसा नजर नहीं आ रहा है. मोदी के सामने अभी तक किसी भी मुद्दे पर विपक्ष एकजुट नहीं हो सका है. बिखरा हुआ विपक्ष कभी भी मोदी के लिए दिक्कत पैदा नहीं कर सकता है.