Durga Kavach Path: नवरात्रि में करें दुर्गा कवच का पाठ, पाएं मां की कृपा
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Durga Kavach Path: नवरात्रि में करें दुर्गा कवच का पाठ, पाएं मां की कृपा

Durga Kavach Path: दुर्गा सप्तशती के पाठ की शुरुआत से पहले मां के तीन मुख्य स्त्रोतों का पाठ किया जाता है: कवच, अर्गला और कीलक. 'कवच का अर्थ होता है सुरक्षा घेरा आदि. यह स्त्रोत बहुत शक्तिशाली माना जाता है और आपके जीवन में सुरक्षा और शांति प्रदान करता है.

Durga Kavach Path: नवरात्रि में करें दुर्गा कवच का पाठ, पाएं मां की कृपा

Durga Kavach Path: नवरात्रि का पावन पर्व इस बार रविवार से शुरू हो गया है. मां दुर्गा का इस बार हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आगमन हुआ है और वह मुर्गे की सवारी से कैलाश वापस जाएंगी. नवरात्रि के इन 9 दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने का विशेष समय होता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार यदि आप संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम सप्तशती के कवच स्त्रोत का रोजाना पाठ अवश्य करें. वैसे इस पाठ को प्रतिदिन करने से विशेष लाभ मिलता है.

दुर्गा कवच पाठ का महत्व
आचार्य मदन मोहन के अनुसार दुर्गा सप्तशती का कवच स्त्रोत एक ऐसा पाठ है, जो समस्त शरीर की रक्षा करता है और महामारी जैसे बड़े संकटों से बचने की शक्ति देता है. यह पाठ व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक आरोग्य प्रदान करता है. हमारे ऋषि-मुनियों ने इस कवच को मानवता की रक्षा के लिए बनाया था. इसे प्रतिदिन करने से जीवन में आने वाली कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी मुक्ति पाई जा सकती है. साथ ही दुर्गा सप्तशती के पाठ की शुरुआत से पहले तीन महत्वपूर्ण स्त्रोतों का पाठ किया जाता है: कवच, अर्गला और कीलक. इनमें से 'कवच' का अर्थ होता है सुरक्षा कवच या सुरक्षा घेरा. यह पाठ मां दुर्गा की कृपा से आपके चारों ओर एक सुरक्षा कवच का निर्माण करता है, जो आपको हर प्रकार की बुराइयों और संकटों से बचाता है. यह स्त्रोत अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है.

मार्कंडेय पुराण का हिस्सा
आचार्य मदन मोहन के अनुसार दुर्गा कवच अठारह पुराणों में सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है. यह पाठ साहस और हिम्मत प्रदान करता है और बुरे लोगों से आपकी रक्षा करता है. इसके बारे में कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसे ऋषि मार्कंडेय को सुनाया था. इस स्त्रोत में कुल 47 श्लोक हैं, जिनका पाठ आपके जीवन को बदलने की शक्ति रखता है. इसके अंत में 9 फलश्रुतियां हैं, जिनसे भगवान का सीधा आशीर्वाद मिलता है.

क्या है विशेष लाभ
बता दें कि असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों को इस पाठ का विशेष लाभ मिलता है. उन्हें इसे दिन में तीन बार अवश्य करना चाहिए. इसके अलावा इस पाठ की शुरुआत और अंत में देवी सूक्तम का पाठ करने से यह और भी प्रभावी हो जाता है. इस कवच में शरीर के हर अंग का वर्णन किया गया है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो यह पाठ हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ और सुरक्षित बना रहा हो. इस नवरात्रि दुर्गा कवच का पाठ करके मां दुर्गा की विशेष कृपा और सुरक्षा प्राप्त करें.

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