हड़ताल पर गए राजस्व कर्मी, प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रमाण पत्र नहीं बन पाने से छात्र परेशान
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हड़ताल पर गए राजस्व कर्मी, प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रमाण पत्र नहीं बन पाने से छात्र परेशान

झारखंड के वैसे छात्र जिन्हें अलग-अलग परीक्षाओं के लिए आवेदन भरना है, उनके सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. जेईई एडवांस पास स्टूडेंट, जिन्हें झारखंड ने बीआईटी सिंदरी सहित राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला लेना है,

हड़ताल पर गए राजस्व कर्मी, प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रमाण पत्र नहीं बन पाने से छात्र परेशान

रांचीः झारखंड में राज्य कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से छात्रों के जाति प्रमाण पत्र से लेकर आवासीय और आय प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. राज्य के सभी अंचल के राजस्व कर्मी पिछले 12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और प्रतियोगिता परीक्षा का फॉर्म भरने वाले स्टूडेंट प्रमाण पत्र नहीं बन पाने के कारण परेशान हैं. झारखंड के छात्रों के भविष्य पर राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल भारी पड़ती दिखाई दे रही है, स्टूडेंट परेशान हैं. राज्य कर्मचारी के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. जिन परीक्षाओं के आवेदन भरे जाने हैं उन से जुड़े छात्र इस बात को लेकर परेशान हैं कि अगर जाति प्रमाण पत्र से लेकर अन्य प्रमाण पत्र बनेगा नहीं तो आवेदन कैसे कर पाएंगे.

प्रतियोगी परीक्षार्थियों के भरने हैं आवेदन
झारखंड के वैसे छात्र जिन्हें अलग-अलग परीक्षाओं के लिए आवेदन भरना है, उनके सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. जेईई एडवांस पास स्टूडेंट, जिन्हें झारखंड ने बीआईटी सिंदरी सहित राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला लेना है, पीजी टीचर्स की नियुक्ति से जुड़े स्टूडेंट, लैब असिस्टेंट की नियुक्ति के लिए आवेदन देने वाले छात्र के आवेदन में बाधक बन रहा जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बीसी - 1, बीसी - 2, SC ,ST, EWS का प्रमाण पत्र बनवाना. 

हड़ताल पर चले गए राज्य के कर्मचारी
दरअसल राज्य के कर्मचारी जिनके द्वारा इस तरह के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, वो हड़ताल पर चले गए हैं. इस वजह से इन सारी कैटेगरी में आने वाले स्टूडेंट के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. NIT जमशेदपुर के लिए आवेदन की तिथि 26 को समाप्त हो गई है. पीजी टीचर्स के लिए 7 अक्टूबर आवेदन की आखिरी तारीख है, लैब असिस्टेंट के लिए आवेदन 28 सितम्बर को समाप्त हो रहा है. राजस्व कर्मचारी की हड़ताल स्टूडेंट के भविष्य पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है. स्टूडेंट चाहते हैं राज्य सरकार इन छात्रों के हित को देखते हुए वैकल्पिक समाधान निकाले.

अभ्यर्थियों को भविष्य की भी चिंता
बड़ी संख्या में स्टूडेंट राज्य के अलग-अलग जिले से आकर राजधानी रांची में परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, पर आवेदन भरने के लिए प्रमाण पत्र नहीं बनने से इनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है. केस स्टडी के तौर पर देखें तो गिरिडीह के रहने वाले चंदन कुमार जो रांची के लॉज में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. इन्हें शिक्षक परीक्षा का फॉर्म भरना है, पर पिछले कई दिनों से इस बात को लेकर परेशान हैं कि इनका प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. इसके नहीं बनने एक तरफ पढ़ाई बाधित हो रही है तो दूसरी तरफ भविष्य की चिंता सती रही है कि अगर ये मौका चूके तो आगे क्या होगा?

जाति और आय प्रमाण पत्र बनने में भी दिक्कत
इसी तहत ज्योतिष कुमार भी रांची में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, पर इनका भी जाति और आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. अब प्रमाण पत्र की चिंता ने इनका भी फोकस भटका दिया है. रांची के ही लॉज में चतरा के किसान परिवार से आने वाले अखिलेश प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं और इन परिस्थितियों का समाधान चाहते हैं.  वहीं सूबे के राजस्व कर्मी अपनी मांग को लेकर पिछले 12 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं इनकी राज्य सरकार से 12 सूत्री मांग है. 

विधायक ने कही ये बात
इस मामले को लेकर जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा, मुझको यह लगता है कि किसी भी कर्मचारी संगठन को हड़ताल में जाने से पहले सरकार से वार्ता का एक प्रयास करना चाहिए. मुझको जानकारी नहीं है कि वार्ता हुई है या नहीं मेरा यह मानना है कि हड़ताल में जाना , समस्या का समाधान नहीं है. समाधान वार्ता ही है, हड़ताल के बाद भी वार्ता ही होगी इस हड़ताल से झारखंड के बच्चों को अगर परेशानी हो रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इस संबंध में मैं संबंधित पदाधिकारियों से बात करके देखता हूं कि अगर वार्ता हुई है तो फलाफल क्या है और वार्ता हुई नहीं हुई है तो संगठन बगैर वार्ता किए क्यों हड़ताल पर जाते हैं. सरकार और कर्मचारियों के बीच के गतिरोध का खामियाजा जनता को भुगतना पड़े यह नाजायज है

रिपोर्टः कुमार चंदन

 

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