झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू के रहने वाले शुभम जायसवाल ने महज 2 साल के भीतर कचरा बेचकर 5 करोड़ रुपए कमाए हैं. बता दें कि MBA करने के बाद शुभम एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन कचरे से अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.
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Waste Recycling: क्या कूड़ा-कचरा को भी आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है? क्या कूड़ा-कचरा बेच कर कोई 5 करोड़ रुपये कमा सकता है? आपको ये असंभव लग रहा होगा, लेकिन ये बात बिल्कुल सच है. ये कारनामा करके दिखाया है रांची के एक नौजवान ने. झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू के रहने वाले शुभम जायसवाल ने महज 2 साल के भीतर कचरा बेचकर 5 करोड़ रुपए कमाए हैं. बता दें कि MBA करने के बाद शुभम एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे, लेकिन कचरे से अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.
शुभम अपना स्टार्टअप चला रहे हैं और अन्य युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं. शुभम जायसवाल ने अपने काम को डिजिटल से भी जोड़ा है. वो अपने kabadi.com से ऑनलाइन काम कर रहे हैं. शुभम ने बताया कि पहले भी घरों से कचरे उठाए जाते थे, लेकिन हमने इसे मॉडर्नाइज कर दिया है. हमारी वेबसाइट kabadi.com जहां लोग ऑनलाइन ही अपने घर के कचरे को सेल कर सकते हैं. टीम के स्टाफ खुद कस्टमर के घर गाड़ी लेकर जाते हैं और सारा कचरा गोदाम में ले आते हैं.
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शुभम ने बताया कि इस काम से सबसे अहम चीज यह है कि घरों में कचरा और रीसायकलर के बीच का जो गैप है, हम उसे भरने की कोशिश कर रहे हैं. शुभम जायसवाल ने आगे बताया कि उन्होंने अपनी स्कूलिंग रांची में ही की है. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के दौरान हमने बढ़ चढ़कर इस मिशन के लिए काम किया. इस दौरान घर-घर से कचरा उठाने का अवसर मिला. यहीं से नए आइडिए ने जन्म लिया और कचरा प्रबंधन को व्यवसाय के तौर पर अपनाया. उन्होंने कहा कि हम घर-घर जाकर कचरा उठाने का काम और प्लास्टिक को लेकर लोगों को जागरुक भी करते है.
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'सर्कुलर इकॉनमी इन म्युनिसिपल सॉलिड ऐंड लिक्विड वेस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कचरे का प्रबंधन ठीक तरीके से किया जाए तो सरकार हर साल 30 हजार करोड़ रुपये कमा सकती है. कचरे के प्रबंधन और दूसरे कामों में करोड़ों लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जा सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि हर दिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है. इसमें से सिर्फ 15,600 टन ही रीसाइकल किया जा सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे कचरे की रीसाइकलिंग करके हर साल 17,023 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. इससे निर्माण कार्यों के लिए साल भर में 40 लाख दिनों का रोजगार दिया जा सकता है.