Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने झारखंड में आरक्षण बढ़ाने के कांग्रेस के प्रस्तावों का जिक्र करते हुए कहा कि आदिवासियों का आरक्षण 26% से बढ़ाकर 28%, दलितों का 12% से बढ़ाकर 14%, और पिछड़ों का 14% से बढ़ाकर 27% किया जाएगा.
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रांची: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को देश की राजनीति में बड़े बदलाव की आधारशिला बताया. सोमवार को रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में डेटा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है, और जातिगत जनगणना के माध्यम से समाज के हर वर्ग की भागीदारी और उनकी स्थिति का सटीक आकलन किया जा सकेगा. राहुल गांधी ने इसे न्यायसंगत योजनाओं और नीतियों के निर्माण का आधार बताया.
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की कितनी भागीदारी है. इससे समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने में मदद मिलेगी. राहुल गांधी ने इस डेटा के जरिए आरक्षण की 50% सीमा तोड़ने की बात कही. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस शासित कर्नाटक और तेलंगाना में जनगणना को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है. जनता की राय और सुझावों को शामिल करते हुए इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर जातिगत जनगणना को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे लेकर चुप्पी साधने का दोषी ठहराया.
इसके अलावा झारखंड में आरक्षण बढ़ाने के कांग्रेस के प्रस्तावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासियों का आरक्षण 26% से बढ़ाकर 28%, दलितों का 12% से 14% और पिछड़ों का 14% से बढ़ाकर 27% किया जाएगा. इसके साथ ही, केंद्र सरकार से झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया को तुरंत जारी करने की मांग की गई, जो राज्य के विकास के लिए बेहद जरूरी है.
गरीबों और महिलाओं के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गरीबों को हर महीने 2,500 रुपये, 450 रुपये में गैस सिलेंडर, और किसानों के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,200 रुपये प्रति क्विंटल करने की योजना न्याय सुनिश्चित करने का हिस्सा है. उन्होंने इसे 'मुफ्त की योजना' कहने की आलोचना की और इसे गरीबों का अधिकार बताया.
साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल ने इसे आदिवासी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन की बात कही और भाजपा द्वारा उनकी सरकार को कमजोर करने के प्रयासों की आलोचना की. उन्होंने झारखंड चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताते हुए कहा कि यह संविधान और समानता को बचाने की कोशिश बनाम विभाजनकारी राजनीति के बीच संघर्ष है.
इनपुट-आईएएनएस
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