हाईकोर्ट के आदेश के बाद नियोजन नीति पर सियासी घमासान तेज, सरकार फैसले को देगी चुनौती
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद नियोजन नीति पर सियासी घमासान तेज, सरकार फैसले को देगी चुनौती

नियोजन नीति 2021 को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा आए फैसले ने हेमंत सरकार को झटका दिया है. वहीं इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने हाईकोर्ट के फैसले को सरकार की हार बताया है. बीजेपी का कहना है कि ऐसे फैसले जनहित में नहीं और इनका हश्र भी बिल्कुल ऐसा होना तय था.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद नियोजन नीति पर सियासी घमासान तेज, सरकार फैसले को देगी चुनौती

रांची : नियोजन नीति 2021 को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा आए फैसले ने हेमंत सरकार को झटका दिया है. वहीं इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने हाईकोर्ट के फैसले को सरकार की हार बताया है. बीजेपी का कहना है कि ऐसे फैसले जनहित में नहीं और इनका हश्र भी बिल्कुल ऐसा होना तय था. हालांकि मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए न्यायिक मामले पर कानूनी सलाह लेने की बात कही है. अब नियोजन नीति के मामले पर एक बार फिर झारखंड में घमासान छिड़ गया है. 

सीएम हेमंत सोरेन ने जेएसएससी नियुक्ति नियमावली को रद्द किए जाने के झारखंड हाई कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार द्वारा कानूनी सलाह लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों ने भी 10वीं और 12वीं पास छात्रों के लिए अपनी नियमावली बनाई है लेकिन ये इस राज्य का दुर्भाग्य है कि जब अपने राज्य की नौकरी के लिए यह नियमावली बनाई गई तो इसे रद्द कर दिया गया. इस विषय पर मुझे जानकारी मिली है. कानूनी जानकारी लेकर इस पर भी न्यायोचित कार्य कराने की कोशिश रहेगी. 

वहीं झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े किए. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार सिर्फ मामलों को अटकाए रखना चाहती और एक खास वर्ग के लिए वह काम कर रही है. जिसका कोर्ट से जवाब मिला है. सीपी सिंह का कहना है कि हेमंत सरकार ऐसी नीतियां ही बनाती है जो कोर्ट में कहीं नहीं टिकती है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है. उन्होंने बताया कि नियोजन नीति का हमने सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया था लेकिन सरकार बहुमत के नशे में चूर थी.

झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा रद्द किए गए नियोजन नीति पर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने उच्चतम न्यायालय में जाने की बात कहते हुए कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में एक गिरोह चल रहा है. जो सरकार विरोधी काम कर रहा है और बीजेपी के इशारे पर सरकार की नीतियों को चुनौती देता है लेकिन नुकसान छात्रों को होता है. इसीलिए बंधु तिर्की ने राज्य सरकार को ऐसी चीजों से सीख लेते हुए ऐसी नीतियां बनाने की राय दी जिससे षड्यंत्रकारी द्वारा रोका नहीं जा सके.

बहरहाल अब मामले पर राज्य सरकार ने कानूनी राय लेने की बात कही है लेकिन इन सबके बीच सैकड़ों नियुक्तियां फिलहाल रुक गई हैं इसका सीधा नुकसान छात्रों को उठाना पड़ रहा है अब देखना है कि आगे मामले पर क्या कुछ होता है.

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