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Ranchi: राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मानकों को पूरा नहीं करने के लिए झारखंड HC ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को फटकार लगाई है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ रिम्स के खिलाफ विभिन्न याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
अदालत कर रही है निगरानी
दरअसल, रिम्स को लेकर विभिन्न जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसके बाद से ही अदालत रिम्स प्रशासन के कामकाज की निगरानी भी कर रही है. कोर्ट ने हाल में ही एक और रिपोर्ट का संज्ञान लिया था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अपने मरीज के लिए स्ट्रेचर हासिल करने के लिए परिजन को अपना मोबाइल फोन सिक्योरिटी के तौर पर रखना पड़ा था.
रिम्स को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि कई बार व्यवस्था सही करने के लिए दिशा निर्देश दिया जा चुका है, इसके बाद भी कोई सुधार नही हो रहा है. ऐसे लग रहा है कि RIMS को अब कोर्ट ही चला रहा है.
इस मामले को लेकर टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा ये मामला बेहद शर्मनाक है. रिम्स इस समय मरीजो को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.
18 याचिकाएं सुनवाई के लिए थी सूचीबद्ध
झारखंड HC के सामने RIMS के खिलाफ विभिन्न प्रकार की 18 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. इन याचिकाओं में जनहित याचिकाएं और सेवा के मामले भी हैं. इनमें रिम्स के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अपनी शिकायतें भी दी हुई हैं.