झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मामले को लेकर दो बिंदुओं पर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई
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झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मामले को लेकर दो बिंदुओं पर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई

  विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मसला क्या स्पीकर अनिश्चित काल तक पेंडिंग रख सकते हैं? क्या हाईकोर्ट को यह शक्ति है कि वह विधानसभा के स्पीकर को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए निर्देश दे सकता है? ये दो अहम सवाल गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उठे.

(फाइल फोटो)

रांची:  विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मसला क्या स्पीकर अनिश्चित काल तक पेंडिंग रख सकते हैं? क्या हाईकोर्ट को यह शक्ति है कि वह विधानसभा के स्पीकर को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए निर्देश दे सकता है? ये दो अहम सवाल गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उठे. हाईकोर्ट ने इन दोनों बिंदुओं पर बहस के लिए आगामी 16 मई की तारीख मुकर्रर की है. 

जनहित याचिका हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है. इसमें राज्य में एक दर्जन से ज्यादा संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्षों एवं सदस्यों के पद रिक्त रखे जाने पर सवाल उठाते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई है. राज्य में नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के चलते राज्य की एक दर्जन संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. इन पदों पर नियुक्ति के लिए निर्णय लेने वाली जो चयन समिति होती है, उसमें नेता प्रतिपक्ष भी सदस्य होते हैं. उनकी गैर मौजूदगी के कारण यह समिति डिफंक्ड है. 

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली बेंच ने बीते तीन मई को सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा को नेता प्रतिपक्ष का मसला एक हफ्ते में सुलझाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने ऐसा न होने पर विधानसभा के सचिव को सशरीर हाजिर होने को कहा था. 

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निर्देशानुसार आज विधानसभा के सचिव कोर्ट में उपस्थित हुए. कोर्ट ने उनसे पूछा कि नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित करने में देर क्यों हो रही है? इसके चलते कई संवैधानिक संस्थाओं में पद रिक्त हैं. इसपर विधानसभा सचिव ने कोर्ट में शपथपत्र दायर करते हुए अपना पक्ष रखा. उनकी ओर से बताया गया है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मसला कुछ सदस्यों के दबबदल संबंधी मामले से जुड़ा है. यह मामला स्पीकर के संज्ञान में लाया गया है और उन्होंने त्वरित सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी है. दो विधायकों प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की (अब पूर्व विधायक) के दलबदल से संबंधित केस की सुनवाई स्पीकर के ट्रिब्यूनल में आगामी 18 मई को होगी.

इधर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष के लिए बाबूलाल मरांडी के नाम का प्रस्ताव स्पीकर को दिया है, लेकिन उनके खिलाफ दलबदल के तहत मामला रहने के लिए निर्णय नहीं लिया जा सका. सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि आगामी 16 मई को दो सवालों पर बहस होगी कि क्या नेता प्रतिपक्ष का मसला अनिश्चित काल तक पेंडिंग जा सकता हैं और क्या हाईकोर्ट को यह शक्ति है कि वह विधानसभा के स्पीकर को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए निर्देश दे सकता है?

(इनपुट-आईएएनएस)

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