पलामू के स्कूल में शनिवार हाथ मोड़ कर प्रार्थना करते दिखे बच्चे, फोटो हुई वायरल
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पलामू के स्कूल में शनिवार हाथ मोड़ कर प्रार्थना करते दिखे बच्चे, फोटो हुई वायरल

इस घटना से पूर्व गढ़वा जिले के मध्य विद्यालय कोरवाडीह में हाथ मोड़कर प्रार्थना करने का मामला सामने आया था. जिनमें मुस्लिम समाज के लोगों ने मनमाने तरीके से प्रार्थना और प्रार्थना पद्धति बदल दी थी. बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों के बारे में भी पता चला था

पलामू के स्कूल में शनिवार हाथ मोड़ कर प्रार्थना करते दिखे बच्चे, फोटो हुई वायरल

पलामूः Prayer Meet Issue: झारखंड के पलामू में झारखंड सरकार के नियम-कानून से अलग हटकर सरकार के गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है. पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड के डाली पंचायत स्थित उतक्रमित मध्य विद्यालय ठेंकहीटांड में पहली से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई होती है. यहां शनिवार को बच्चों को एक फोटो वायरल हुआ था, जिसमें वह हाथ जोड़ने के बजाय हाथ मोड़कर प्रार्थना करते दिख रहे थे. फोटो वायरल होने के बाद सरकारी विभाग पूरी तरह अलर्ट हो गया. 

हाथ मोड़कर प्रार्थना किए जाने का आरोप
इसके बाद रविवार और सोमवार को स्कूल बंद रहने के बाद मंगलवार को जब स्कूल खुला तो बच्चे हाथ जोड़कर प्रार्थना करते नजर आए. स्कूल के प्रिंसिपल नागरेन्द्र कुमार का कहना है कि बच्चे शुरू से हाथ जोड़कर ही प्रार्थना करते आ रहे हैं जबकि कुछ बच्चों से बात की गई तो बच्चों ने बताया कि पहले हाथ मोड़कर प्रार्थना होती थी, सर के बोलने पर आज हाथ जोड़कर प्रार्थना किए हैं. वहीं एक बच्ची ने बताया कि प्रार्थना दो बार होती है पहले हाथ जोड़कर फिर हाथ मोड़कर. हालांकि वायरल फ़ोटो और बच्चों के बयान से यह साफ जाहिर होता है कि प्रार्थना हाथ मोड़कर किया जाता था.

जांच के लिए भेजा
इस घटना से पूर्व गढ़वा जिले के मध्य विद्यालय कोरवाडीह में हाथ मोड़कर प्रार्थना करने का मामला सामने आया था. जिनमें मुस्लिम समाज के लोगों ने मनमाने तरीके से प्रार्थना और प्रार्थना पद्धति बदल दी थी. बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों के बारे में भी पता चला था, जहां स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द जोड़कर उन्हें उर्दू स्कूल घोषित कर दिया गया था. एक षड्यंत्र के तहत यह खेल पूरे राज्य में चल रहा था. खबर चलने के बाद शिक्षा मंत्री ने पूरे राज्य के स्कूलों की जांच के आदेश दिए थे, साथ ही स्कूलों के नाम के आगे लिखे गए उर्दू शब्द को मिटवाया गया और वर्षों से चली आ रही हाथ जोड़कर प्रार्थना करने की पद्धति को बहाल किया गया था. वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि इन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और जब जानकारी हुई है तो वे विद्यालय में विभाग के पदाधिकारी से जांच करवाने को बाते कह रहे हैं.

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