बिहार में कहां होता था अंग्रेजों का अड्डा, क्यों कहते थे यूरोपियन कॉलोनी?
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बिहार में कहां होता था अंग्रेजों का अड्डा, क्यों कहते थे यूरोपियन कॉलोनी?

European Colony of Bihar: यूरोपियन कॉलोनी का इतिहास पूर्णिया जिले के बनने से जुड़ा है. जब 14 फरवरी 1770 को पूर्णिया को जिला घोषित किया गया, तब यहां के अधिकारियों के रहने के लिए इस कॉलोनी का निर्माण किया गया.

 

बिहार में कहां होता था अंग्रेजों का अड्डा, क्यों कहते थे यूरोपियन कॉलोनी?

पूर्णिया: पूर्णिया की यूरोपियन कॉलोनी अब भारतीयों का बसेरा बन चुकी है, लेकिन इसका नाम आज भी यूरोपियन कॉलोनी ही है. सरकारी दस्तावेजों में भी इसे इसी नाम से जाना जाता है. यह कॉलोनी ब्रिटिश काल के इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए है, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है. यह कॉलोनी पूर्णिया-श्रीनगर पथ पर इंदिरा गांधी स्टेडियम के पास स्थित है. जहां एक समय खंडहर थे, अब वहां ऊंची-ऊंची इमारत बन गई है.

बिहार की इस कॉलोनी से था अंग्रेजों का संबंध
इस कॉलोनी का इतिहास काफी पुराना है, जिसका जुड़ाव पूर्णिया के जिला बनने से है. जानकारी के अनुसार यह कॉलोनी 14 फरवरी 1770 को पूर्णिया को जिला घोषित किए जाने के समय से अस्तित्व में है. उस समय ब्रिटिश अधिकारियों के रहने के लिए इसी कॉलोनी में आवास बनाए गए थे. पूर्णिया के पहले कलेक्टर जी. जी. जुखरैल ने भी यहां आकर अपना योगदान दिया था और इसी कॉलोनी में रहना शुरू किया था. ब्रिटिश अधिकारियों के आवास यहां होने के कारण इसे 'यूरोपियन कॉलोनी' के नाम से पहचाना जाने लगा और आज भी यही नाम इस कॉलोनी की पहचान बना हुआ है.

ब्रिटिश अधिकारियों का ठिकाना थी यूरोपियन कॉलोनी
कॉलोनी के सामने स्थित रंगभूमि मैदान का भी अपना ऐतिहासिक महत्व है. ब्रिटिश अधिकारियों के घोड़ों का चारागाह यही मैदान हुआ करता था, क्योंकि उस समय घोड़े ही यात्रा का मुख्य साधन थे. यातायात की सुविधाओं की कमी के कारण घोड़े अधिकारियों और सुरक्षाबलों के लिए अनिवार्य होते थे. इस मैदान में इन घोड़ों को चराया जाता था, जिससे उन्हें आराम मिल सके. आज की बात करें तो यूरोपियन कॉलोनी बुनियादी सुविधाओं के मामले में काफी समृद्ध है. यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि कॉलोनी शहर के बीचों-बीच स्थित है, जिससे कोर्ट, स्टेशन और बस स्टैंड जैसे स्थानों तक पहुंचना आसान है. बच्चों के खेलने और लोगों के मॉर्निंग वॉक के लिए इंदिरा गांधी स्टेडियम और रंगभूमि मैदान का पास होना एक बड़ी सुविधा है.

सुविधाओं के अभाव में यूरोपियन कॉलोनी के लोग  
कॉलोनी के लोग वहां की सुविधाओं से संतुष्ट हैं. इसके अलावा यह कॉलोनी अब एक विकसित क्षेत्र में तब्दील हो चुकी है, जहां लोग आराम से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. हालांकि, यह कॉलोनी अब पूरी तरह से आधुनिक हो गई है, फिर भी इसका ऐतिहासिक महत्व बना हुआ है और यह लोगों को ब्रिटिश काल के दिनों की याद दिलाती रहती है.

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