Year Ender 2024: साल 2024 की विदाई होने वाली है और 3 दिनों बाद हम लोग नए साल 2025 में प्रवेश कर जाएंगे. 2024 के जाने से पहले हम आपको इस साल होने वाली कुछ बड़ी घटनाओं के बारे में बता रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको बिहार के उन दिग्गज हस्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस साल दुनिया छोड़कर चले गए. इन हस्तियों के जाने से लाखों फैन गमगीन हो गए. आइए, जानते हैं इन दिग्गजों के बारे में....
- सुशील कुमार मोदी- जेपी आंदोलन की उपज और बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई 2024 को हुआ था. करीब पांच दशकों तक बिहार की राजनीति में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं. वो कैंसर से जूझ रहे थे. बता दें कि सुशील मोदी 1990 में पहली बार पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1995 और 2000 में भी वो इसी सीट से चुनाव जीते. साल 2004 में वो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे. साल 2005 में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया और विधान परिषद से निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने.
- शारदा सिन्हा- बिहार की स्वर कोकिला कही जाने वाली प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में 5 नवंबर 2024 को निधन हुआ था. पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा को रिफ्रैक्टरी शॉक के कारण सेप्टीसीमिया हो गया था. यही उनके निधन का कारण बना. जिंदगी के आखिरी दिनों में भी गायिकी को लेकर शारदा के हौसले बुलंद थे. उन्होंने अस्पताल से अपना आखिरी छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' रिलीज किया था. उनके जाने से बिहार की लोक संस्कृति ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया.
- बाबा सिद्दीकी- महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बिहार के गोपालगंज के मांझा में जन्मे बाबा सिद्दीकी ने महाराष्ट्र को अपनी कर्मभूमि बनाया. वो एक ऐसे राजनेता थे, जो न सिर्फ राजनीति में बल्कि बॉलीवुड सर्किल में भी काफी मशहूर थे. बाबा जब इफ्तार की दावत देते तो उसमें मुंबई के सारे फिल्मी सितारों से शाम सजती थी. बाबा ने राजनीति की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी. 1977 में कांग्रेस के साथ राजनीति में कदम रखा. 1999 से लेकर 2009 तक लगातार तीन बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. 2004 से 2008 के बीच महाराष्ट्र सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम, एफडीए और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 12 फरवरी 2024 को अजीत पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ज्वाइन की थी.
- आचार्य किशोर कुणाल- बिहार के प्रसिद्ध समाजसेवी, महावीर मंदिर न्यास के सचिव और पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का 29 दिसंबर 2024 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया. उन्होंने महावीर वत्सला अस्पताल में अंतिम सांस ली. किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित था. उन्होंने महावीर मंदिर को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए. उन्होंने महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया है. महावीर न्यास के सचिव रहते हुए उन्होंने चार बड़े अस्पताल स्थापित किए, जो गरीबों का इलाज करते हैं. गरीब बच्चों के लिए पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की थी. वे चंपारण में दुनिया का सबसे बड़ा रामायण मंदिर बनवा रहे थे.
ये भी पढ़ें- Bihar: इस साल के वो बयान जिन पर मचा था खूब बवाल, लालू-नीतीश भी नहीं रहे पीछे