चर्चाओं में रहना मना है!
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चर्चाओं में रहना मना है!

संदेश सीधा है... सुर्खियों में मत रहिए. एक दिन सुर्खियों में आ जाओगे. अगर सुर्खियों में रहे तो फिर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के दिग्गज नेताओं का हाल देख रहे हैं न. इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन से भाजपा आलाकमान ने संदेश दे दिया है. वो संदेश साफ है. 

 

चर्चाओं में रहना मना है!

यह पिछले 3 दिनों की सीख है. चर्चाओं में मत रहिए. एक दिन लोग आप पर चर्चा करेंगे. पूरा का पूरा टीवी डिबेट शो आप पर ही होगा. शर्त यही है कि आपको चर्चाओं में नहीं आना है. चर्चाओं में थोड़ी देर के लिए आएंगे पर हमेशा के लिए गायब हो जाएंगे. चर्चाओं में नहीं रहेंगे तो हमेशा के लिए चर्चा में आ जाएंगे. इस बात को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए विधायकों के पुराने और बदले हालात पर लागू करके देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री पद के लिए नामित होने से पहले और मुख्यमंत्री के लिए नामित होने के बाद के शान ओ शौकत का अंदाजा लगाइए. कहां तो विधायक दल की बैठक में पीछे की सीटों पर ये तीनों लोग बैठे होते थे. ग्रुप फोटो सेशन में ऐरो लगाए बिना ये अपनी शक्ल खुद ही नहीं पहचान पाते, हम और आप क्या पहचानेंगे. और आज की हालत यह है कि कैमरे का पूरा का पूरा लेंस ही इनकी तरफ फिक्स कर दिया जाता है.

पिछले तीन दिनों में जो कुछ भी हुआ, उसे देखकर यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये जो पत्रकार लोग होते हैं न, ये नेताओं के लिए हानिकारक होते जा रहे हैं. खासतौर से भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो यह बात सोलह आने सच साबित होती है. हिंदी हो या इंगलिश, पत्रकारों ने जिस किसी का भी नाम अपनी सूत्रों के अनुसार वाली खबर में आगे बढ़ाया, भाजपा आलाकमान की लिस्ट से उसका नाम गायब होता चला गया.

संदेश सीधा है... सुर्खियों में मत रहिए. एक दिन सुर्खियों में आ जाओगे. अगर सुर्खियों में रहे तो फिर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के दिग्गज नेताओं का हाल देख रहे हैं न. इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन से भाजपा आलाकमान ने संदेश दे दिया है. वो संदेश साफ है. 

इन संदेशों से उन नेताओं को परेशानी हो रही होगी, जो छोटी से छोटी खबरों को बड़ी से बड़ी छपवाना या पब्लिश करवाना चाहते हैं. उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका भी है. अखबारों में छपने या न छपने, मीडिया में आने या न आने या फिर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने या ट्रेंड न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर आप नेता हैं तो जमीन पर रहिए, जमीन से जुड़िए. हवा में मत उड़िए. सफलता आपके कदम चूमेगी.

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