'शौक नहीं मजबूरी है जनाब...' जानिए क्यों विधायक जी को करना पड़ा है एक दिन में 20 बार डांस
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2019554

'शौक नहीं मजबूरी है जनाब...' जानिए क्यों विधायक जी को करना पड़ा है एक दिन में 20 बार डांस

Dumka News: सारठ विधायक रणधीर सिंह को जनता के इशारे पर डांस करना पड़ता है. वह दिन में 20 से 25 शादी और अन्य कार्यक्रम में शामिल होते हैं, जहां उन्हें नाचना पड़ता है. इस वजह वह काफी चर्चाओं में रहते हैं.

 

सारठ विधायक रणधीर सिंह

Dumka News: आपने नेताओं को जनता से वोट लिए विनती करते देखा होगा. वोट मिलने के बाद जीतने पर जनता को भूल जाने की भी बात आप सुनते होंगे, लेकिन झारखंड में एक ऐसा नेता हैं जो चुनाव जीतने के बाद भी जनता के इशारे पर नाचने को मजबूर है. वह विधायक (Sarath MLA Randhir Singh) बन गए, फिर भी जनता जब चाहती है, उनको नचवाती है. आइए पूरा मामला जानते हैं.

दो बार से विधायक
दरअसल, झारखंड के दुमका संथाल परगना क्षेत्र (Sarath MLA Randhir Singh) के एक ऐसे नेता हैं जो अगर नहीं नाचे तो उनके क्षेत्र के जनता उनसे नाराज हो जाती है. इसलिए उन्हें जनता को खुश रखने के लिए नाचना पड़ता है. खासकर शादी कार्यक्रम, जन्मदिन और धार्मिक कार्य जैसे किसी भी खुशी के पल में क्षेत्र के लोग अपने नेता को खूब नचाते है और नाचने का परिणाम है कि उन्हें जनता दो बार से विधायक (MLA Randhir Singh) बना कर रखी है.

ये भी पढ़ें:बेगूसराय में शराब माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस पर ही किया हमला, एक दरोगा की मौत

नाचने के अंदाज के लिए फेमस नेता जी
देवघर जिला के सारठ से बीजेपी विधायक रणधीर सिंह (MLA Randhir Singh) अपने नाचने के अंदाज के कारणों से बहुत चर्चा में रहते हैं. क्षेत्र के लोग विधायक रणधीर सिंह को देखने के बाद काफी खुश हो जाते हैं. इसकी वजह उनका डांस का अंदाज है. विधायक रणधीर सिंह को अपने क्षेत्र में रहने के लिए कई बार दिन भर में नाचना पड़ता है, जब भी विधायक (MLA Randhir Singh) अपने क्षेत्र के किसी शादी ब्याह, जन्मदिन या किसी भी कार्यक्रम में किसी जनता के घर शरीक होते हैं वहां लगे डीजे के धुन पर जनता उन्हें नाचने में मजबूर कर देती है. 

ये भी पढ़ें:Bihar News: 'माया मिली ना राम, नीतीश फिर खाली हाथ लौटे..; CM पर सुशील मोदी का तंज

क्या बोले विधायक जी जानिए
इस मामले पर विधायक रणधीर सिंह (MLA Randhir Singh) कहते है कि करे भी तो क्या करे उन्हें जनता की खुशी में नाचना ही पड़ता है, क्योंकि क्षेत्र में जनता से बढ़कर कोई नहीं. उन्होंने कहा कि जनता की खुशी में कुछ भी करना पड़ता है एक दिन में अपने क्षेत्र में 20 से 30 पार्टियां में जाना पड़ता है और जैसे ही हम पहुंचते है जनता मुझे नाचने को कह देती है ऐसे में मेरी हालत क्या हो सकती है मैं क्या बताऊं?

रिपोर्ट: सुबीर चटर्जी

Trending news