संतोष मांझी के इस्तीफे से 3 विधायकों की लगी लाॅटरी, रत्नेश सदा के साथ 2 और एमएलए ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ
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संतोष मांझी के इस्तीफे से 3 विधायकों की लगी लाॅटरी, रत्नेश सदा के साथ 2 और एमएलए ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

Nitish Kumar Cabinet Expansion: संतोष माझी के इस्तीफे के बाद बिहार के 3 विधायकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. बताया जा रहा है कि राज्यपाल अभी बाहर हैं और उनके लौटते ही नीतीश कुमार कैबिनेट का विस्तार हो सकता है और इन 3 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar News: हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के नेता और जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) के बेटे संतोष मांझी (Santosh Manjhi) के नीतीश सरकार (Nitish Kumar Govt) से इस्तीफे के बाद 3 मंत्रियों की लाॅटरी लग सकती है. संतोष मांझी नीतीश कुमार की सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. माना जा रहा है कि सोनबरसा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा (Ratnesh Sada) को यही मंत्रालय अलाॅट किया जा सकता है. रत्नेश सदा, संतोष मांझी की तरह ही मुसहर जाति से आते हैं . इस तरह उन्हें मंत्री बनाकर नीतीश कुमार मुसहर जाति को संदेश देना चाहते हैं. रत्नेश सदा के साथ 2 और मंत्रियों की भी लाॅटरी लग सकती है. बताया जा रहा है कि मंत्री बनने वालों में राजद कोटे के भी नेता शामिल हो सकते हैं. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि कांग्रेस के किसी विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी या नहीं. कांग्रेस पिछले साल से ही कैबिनेट में 2 मंत्री पद की डिमांड करती आ रही है लेकिन उसके एक ही विधायक को मंत्री बनाया गया है. अगर कांग्रेस को इस कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिली तो महागठबंधन में नई रार देखने को मिल सकती है.

कुछ महीने पहले कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बाबत मुलाकात की थी तो नीतीश कुमार ने उनसे कहा कि वे तेजस्वी यादव से बात करें. तेजस्वी यादव से अखिलेश सिंह ने बात की तो उन्होंने भी टरका दिया था. इस बात को लेकर कांग्रेस काफी आक्रामक हो गई थी लेकिन आलाकमान के दबाव में प्रदेश नेतृत्व ने चुप्पी साध ली थी. अब जबकि कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है तो कांग्रेस एक बार फिर से अपनी मांग को आवाज दे सकती है. देखना होगा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कैसे कांग्रेस को शांत करते हैं. 

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मंगलवार को एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री संतोष मांझी ने इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे इस्तीफे में कहा था कि मैं निजी कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं और अब हम साथ-साथ नहीं चल सकते. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया था. संतोष मांझी ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी का जेडीयू में विलय के लिए दबाव डाला जा रहा था और उनकी पार्टी का वजूद मिटाने की कोशिश की जा रही थी. उसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वित्त मंत्री विजय चैधरी के अलावा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पहुंचे और शाम तक इस पर लंबी चर्चा हुई. 

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शाम को बैठक से बाहर निकलने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरा सम्मान दिया है. उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया गया. उनके बेटे संतोष सुमन को राजद कोटे से एमएलसी बनाया गया. कोई यह नहीं कह सकता कि जीतनराम मांझी को सम्मान नहीं दिया गया. ललन सिंह ने इस मौके पर कहा कि अगर विलय के लिए हमने कहा तो क्या गलत कहा. छोटी-छोटी दुकान चलाने से बेहतर है कि एक होकर भाजपा से मुकाबला किया जाए.

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