बिहार में हिंसा से हाहाकार पर इफ्तार की बहार, सीएम नीतीश कुमार के न्योते को बीजेपी ने ठुकराया
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बिहार में हिंसा से हाहाकार पर इफ्तार की बहार, सीएम नीतीश कुमार के न्योते को बीजेपी ने ठुकराया

रामनवमी की शोभायात्रा के बाद भड़की हिंसा में बिहार के 5 शहर जल उठे. सासाराम और बिहारशरीफ में तो इसका रौद्र रूप देखने को मिला. आपको बता दें कि कई इलाकों में अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है.

(फाइल फोटो)

पटना : रामनवमी की शोभायात्रा के बाद भड़की हिंसा में बिहार के 5 शहर जल उठे. सासाराम और बिहारशरीफ में तो इसका रौद्र रूप देखने को मिला. आपको बता दें कि कई इलाकों में अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है. हिंसा भड़कने के बाद से स्कूल को बंद रखने के आदेश के साथ इन इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई और साथ ही इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया. ऐसे में जहां एक तरफ बिहार में हिंसा के बाद से भी स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है. वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक जमीन की तलाश में सियासी पार्टियां इफ्तार की पार्टी करने में व्यस्त हैं. आपको बता दें कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार भी इफितार पार्टी करनेवाले हैं. इसको लेकर भाजपा को उनकी तरफ से न्योता भी भेजा गया है. 

बिहार भाजपा की नेताओं ने सीएम नीतीश की इस इफ्तार पार्टी का विरोध किया है और कहा कि एक तरफ बिहार जल रहा है और CM इफ्तार कर रहे हैं. भाजपा ने सीएम नीतीश के न्योते को ठुकरा दिया है. उन्होंने सीएम की इस इफ्तार पार्टी का विरोध इसी अंदाज में किया है. भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार के इफ्तार के न्योते के बाद जमकर उनका विरोध किया. 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हो चुकी है. इसी वजह से बिहार में सांप्रदायिक हिंसा भड़की. सरकरार इसको रोक पाने में पूरी तरह से विफल रही. जहां अक तरफ प्रदेश भर में जनता इस सांप्रदायिक हिंसा की वजह से त्राहिमाम कर रही है वहां नीतीश कुमार इफ्तार की पार्टी कर रहे हैं. ऐसे में हम और हमारी पार्टी बीजेपी उनकी इस पार्टी का बहिष्कार करते हैं और इसमें हम शामिल नहीं होंगे उनके निमंत्रण को ठुकराते हैं. 

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विजय सिन्हा ने साफ कहा कि यह समय प्रदेश के हालात को संभालने का है ना कि वोट के लिए पार्टी करने का. ऐसे वक्त में पार्टी का आयोजन नहीं करना चाहिए था. 

नीतीश ने इस इफ्तार पार्टी के लिए प्रदेश के राज्यपाल सहित सभी दलों के नेताओं को न्योता भेजा है लेकिन इस दावत में विपक्ष के नेता अब नहीं दिखेंगे. इससे पहले भी पटना में आयोजित इफ्तार पार्टी को लेकर नीतीश कुमार की खूब आलोचना हुई थी. जिस मंच पर इफ्तार पार्टी के दौरान नीतीश मौजूद थे उसके बैकग्राउंड में लाल किला था जिसके बाद लोग कयास लगाने लगे थे कि नीतीश के मन से अभी भी पीेम के उम्मीदवार बनने का सपना गया नहीं है. 

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