Bihar Caste Census: बिहार में बच्चे ही बच्चों को पढ़ाएंगे! शिक्षक तो बस जातीय जनगणना करेंगे
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1660694

Bihar Caste Census: बिहार में बच्चे ही बच्चों को पढ़ाएंगे! शिक्षक तो बस जातीय जनगणना करेंगे

शिक्षकों पर समय से जनगणना पूरा करने का इतना प्रेशर है कि उनका पूरा फोकस उसी काम पर है. ऐसे में स्कूल अब बच्चों के भरोसे ही चल रहे हैं. स्कूलों में बच्चे ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. 

बिहार में जातीय जनगणना का दूसरा चरण जारी

Bihar Education System: बिहार में लगता है कि शिक्षा का मतलब सिर्फ बोर्ड एग्जाम संपन्न कराना ही रह गया है. बोर्ड परीक्षा कराने और समय से रिजल्ट घोषित करने पर तो सरकार पूरा ध्यान देती है, लेकिन स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने कोई ध्यान नहीं है. इसका ताजा उदाहरण जाति आधारित जनगणना के दौरान सामने आया है. सरकार की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी जनगणना में लगा दी गई है. 

शिक्षकों पर समय से जनगणना पूरा करने का इतना प्रेशर है कि उनका पूरा फोकस उसी काम पर है. ऐसे में स्कूल अब बच्चों के भरोसे ही चल रहे हैं. स्कूलों में बच्चे ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. राज्य में कई जगहों पर सरकारी स्कूलों से ऐसी तस्वीरें सामने आई जहां सीनियर स्टूडेंट्स छोटे बच्चों की क्लास ले रहे हैं. पटना के जिला शिक्षा अधिकारी अमित कुमार का 17 अप्रैल को जारी एक लेटर सामने आया है. जिसमें वह भी सीनियर छात्रों के द्वारा निचली कक्षाओं का संचालन करने का जिक्र किया है. 

पटना के DEO ने जायज ठहराया

पटना के डीईओ ने इसे जायज भी ठहराया है. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के समय वरिष्ठ छात्रों की मदद लेना कोई असामान्य बात नहीं है. डीईओ ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. हमारे समय में भी सीनियर छात्र और मॉनिटर पढ़ाते थे. उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षण कार्य बाधित नहीं हो इसलिए ही सीनियर छात्रों को जिम्मेदारी दी गई है. यह केवल एक अस्थायी व्यवस्था है.

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: लोकसभा में नहीं हैं एक भी सांसद फिर भी नीतीश को पीएम बनाना चाहते हैं तेजस्वी, जानें असली मकसद

रोहतास में भी बच्चे बने मास्टर साहब

पटना की तरह रोहतास जिले में अब बच्चे विद्यालय में मास्टर साहब की भूमिका निभाएंगे. शिक्षकों को सिर्फ स्कूल में हाजिरी बनाने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में विभाग की ओर से प्रधानाध्यापकों को एक निर्देश पत्र भी दिया गया है. पत्र में रोहतास के डीईओ संजीव कुमार ने कहा है कि दूसरे चरण के जाति आधारित गणना में लगे शिक्षक स्कूल अवधि के दौरान कभी भी अपने विद्यालय पहुंच अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. जहां तक कक्षा संचालन का सवाल है तो सीनियर छात्रों को निचली कक्षा में पढ़ाने के लिए भेज सकते हैं.

Trending news