Bihar Caste Census: नीतीश सरकार ने जारी की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट, जानें कौन सी जाति की कितनी आबादी?
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Bihar Caste Census: नीतीश सरकार ने जारी की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट, जानें कौन सी जाति की कितनी आबादी?

Bihar Caste Based Census: बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी की है. बता दें कि जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था. हाई कोर्ट से लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Caste Based Census: बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने गांधी जयंती (02 अक्टूबर) के मौके पर जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी कर दी है. बिहार सरकार की तरफ से विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वह मुख्य सचिव के प्रभार में हैं. बता दें कि जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था. हाई कोर्ट से लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े को सार्वजनिक कर दिया है. जातीय जनगणना में बिहार की आबादी कुल 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 से अधिक बताई गई है. जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक, 81.99 फीसदी आबादी हिंदुओं की है, जबकि 17.70 आबादी मुसलमानों की है. 

जारी रिपोर्ट के अनुसार 36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा और 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग, 19 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति और 1.68 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है. प्रदेश में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी है. जिनमें भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रहाणों की आबादी 3.66 फीसदी, राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी और कायस्थ 0.6011% हैं. कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी बताई गई है.

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इस तरह से बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा ​कर दिखाया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बधाई दी. सीएम ने एक ट्वीट करके कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई. जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. 

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नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.

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