Bihar Politics: अजय आलोक के बाद क्या RCP सिंह का भी नंबर आएगा? विपक्षी एकता की कवायद के बीच BJP की गोलबंदी
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Bihar Politics: अजय आलोक के बाद क्या RCP सिंह का भी नंबर आएगा? विपक्षी एकता की कवायद के बीच BJP की गोलबंदी

अजय आलोक के रूप में बिहार बीजेपी को एक सधा हुआ प्रवक्ता मिल गया है. अब सवाल यह है कि अजय आलोक के बाद क्या नीतीश कुमार का कोई और साथी भी बीजेपी में सकता है. 

अजय आलोक-आरसीपी सिंह

Bihar Politics: जैसा कि संकेत मिल रहे थे और टीवी डिबेट में भी विरोधी दलों के प्रवक्ता डा. अजय आलोक को बीजेपी का प्रवक्ता बता रहे थे, अब वे आधिकारिक रूप से भगवा दल में शामिल हो गए हैं. अजय आलोक शांत और सौम्य तरीके से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं. और बात भी ऐसी रखते हैं कि विरोधियों की बोलती बंद हो जाए. सधे और चुटीले अंदाज में अजय आलोक के तर्क के आगे बड़े दलों के प्रवक्ता भी चुप हो जाते हैं. इस तरह अजय आलोक के रूप में बिहार बीजेपी को एक सधा हुआ प्रवक्ता मिल गया है. अब सवाल यह है कि अजय आलोक के बाद क्या नीतीश कुमार का कोई और साथी भी बीजेपी में सकता है. 

अजय आलोक जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री रहे आरसीपी सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं. हालांकि वे सीएम नीतीश कुमार के भी करीबी रह चुके हैं. फिर भी पिछले साल जब आरसीपी सिंह को जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखाया गया था और नीतीश कुमार ने पाला बदला था तो अजय आलोक ने सीएम नीतीश कुमार को नाश कुमार कहकर संबोधित किया था और इसी के साथ जेडीयू के दरवाजे अजय आलोक के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए थे. अजय आलोक को पार्टी से इसलिए भी बाहर किया गया था कि वे आरसीपी सिंह के करीबी के रूप में जाने जाते थे. अजय आलोक के बारे में कहा जाता है कि वे 2015 में भी नीतीश के पाला बदल की राजनीति से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे. 

जैसा कि हमने आपको बताया कि अजय आलोक आरसीपी सिंह के करीबी हैं. आरसीपी सिंह इस समय जेडीयू से निकाले जाने के बाद गांव देहात में यात्रा के जरिए अपनी कुर्मी बिरादरी के लोगों को गोलबंद करने का काम कर रहे हैं. इसमें वे कितना सफल हो पाते हैं, यह तो चुनाव बताएगा लेकिन माना जा रहा है कि अजय आलोक के बाद अब आरसीपी सिंह के बीजेपी में आने का रास्ता साफ हो सकता है. यह देखना होगा कि आरसीपी अपना नया दल बनाते हैं या फिर बीजेपी में शामिल होते हैं. वैसे बिहार में इतने दल हो गए हैं कि बड़े दलों को सीटों के मोलभाव करने में काफी परेशानी होती है. इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए आरसीपी सिंह को बीजेपी शामिल होते हुए देखा जा सकता है. 

जाति से कायस्थ अजय आलोक कोई बहुत बड़े जनाधार वाले नेता नहीं हैं लेकिन कायस्थों की आबादी बिहार के कई जिलों में निर्णायक है. कायस्थ बीजेपी के कोर वोटर कहे जाते हैं और अजय आलोक के आने से कायस्थ वोटर बीजेपी के लिए और इंटैक्ट रह सकते हैं. माना जा रहा है कि अजय आलोक के रूप में बिहार में बीजेपी को एक ऐसा नेता मिला है, जो अपने चुटीले अंदाज में विरोधियों पर भारी पड़ सकता है. 

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पार्टी में शामिल होने के बाद अजय आलोक ने कहा कि उन्हें लग रहा है कि वह अपने परिवार में आ गए हैं, जिसके मुखिया नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह पीएम मोदी के विजन को एक प्रतिशत भी पूरा करने में सफल रहे तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी. अजय आलोक पार्टी में तब शामिल हुए हैं, जब लोकसभा चुनाव में एक साल का समय रह गया है. उनकी बिहार की राजनीति पर शानदार पकड़ है और विरोधियों को चुप कराने में वह माहिर हैं.

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