वहीं, सत्ताधारी झारखंड निर्माण का श्रेय शिबू सोरेन को दे रहे हैं. मंत्री मिथलेश ठाकुर का दावा है कि अलग राज्य के लिए गुरुजी ने 40 साल तक संघर्ष किया, जिसके कारण केंद्र सरकार और बिहार सरकार को मजबूर होना पड़ा.
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रांची: 15 नवंबर को झारखंड 20 साल का हो जाएगा. 20 साल पहले देश को एक साथ 3 नये राज्यों की सौगात मिली थी जिसमें झारखंड भी शामिल है, लेकिन 20 साल बाद किसे पता था कि झारखंड निर्माण पर सियासी श्रेय लेने की होड़ मच जाएगी. झारखंड निर्माण में किसका बड़ा योगदान है? सवाल गूंजने लगेंगे.
15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस है और उपचुनाव में झारखंड निर्माण को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ लगी है. बाबूलाल मरांडी (Babulala Marandi) की दलील है कि झारखंड निर्माण का श्रेय बीजेपी को जाता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपाई ने झारखंड राज्य की सौगात दी. इसमें शिबू सोरेन (Shibu Soren) का कोई योगदान नहीं है.
वहीं, सत्ताधारी झारखंड निर्माण का श्रेय शिबू सोरेन को दे रहे हैं. मंत्री मिथलेश ठाकुर का दावा है कि अलग राज्य के लिए गुरुजी ने 40 साल तक संघर्ष किया, जिसके कारण केंद्र सरकार और बिहार सरकार को मजबूर होना पड़ा.
इस मामले पर JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का दावा है कि 1999 में बिहार विधानसभा में JMM ने इसी शर्त पर RJD को समर्थन दिया था कि वो बिहार विधानसभा से प्रस्ताव को पारित कर केंद्र सरकार को भेजेंगे. नाम तय करने के वक्त भी पीएम से गुरुजी ने मुलाक़ात की थी. तब जाकर वनांचल से झारखंड नाम रखा गया.
झारखंड निर्माण का श्रेय लेने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस की दलील है कि जब बीजेपी का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से हमलोग झारखंड निर्माण में लगे थे. सोनिया गांधी ने तत्कालानी पीएम अटल बिहारी वाजपई को पूरा समर्थन देना का वादा किया तब जाकर झारखंड बना.
15 नवंबर 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड का निर्माण हुआ. झारखंड निर्माण में किस पार्टी का बड़ा योगदान रहा. इसपर सियासत तेज है.