Sawan Start: कई असुर और दैत्य महादेव की कृपा और वरदान पाकर ही अनाचारी हुए थे. उन्होंने भगवान शिव की महत्ता नहीं समझी और फिर अलग-अलग अवतारों के हाथ मारे गए. सावन माह में महादेव का पंचोपचार पूजन किया जाता है.
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पटनाः Sawan Start: सावन मास की आज से शुरुआत हो गई है. महादेव का यह पवित्र और प्रिय माह है. इस दौरान उनके अभिषेक का बहुत महत्व है. कहते हैं कि महादेव को केवल शांत चित्त और शुद्ध मन से सिर्फ एक लोटा जल ही चढ़ा दिया जाए तो भी वह प्रसन्न हो जाते हैं. इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है. पुराणों के अनुसार महादेव शिव ही अकेले ऐसे देवता हैं जिन्होंने असुरों, देवताओं, दैत्यों, दानवों, मानवों, यक्ष, गंधर्व, नाग, भूत, प्रेत, पिशाच और पशुओं में कोई अंतर नहीं किया. उन्होंने सभी को समान दृष्टि से देखा.
कई असुर और दैत्य महादेव की कृपा और वरदान पाकर ही अनाचारी हुए थे. उन्होंने भगवान शिव की महत्ता नहीं समझी और फिर अलग-अलग अवतारों के हाथ मारे गए. सावन माह में महादेव का पंचोपचार पूजन किया जाता है. इसके अलावा उन्हें कई सामान्य वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं, जानिए उनका क्या है महत्व.
दूधः महादेव को गाय का दूध चढाना चाहिए. य़ह बहुत पवित्र है और भगवान शिव को प्रिय भी है. जिन पंच तत्वों से रुद्राभिषेक बताया गया है. उनमें सबसे प्रमुख दूध शामिल है. दूध एक सम्पूर्ण आहार है. इसमें सभी प्रकार का पोषण है.
बेल पत्र का महत्व
समुद्र मंथन के समय जब महादेव ने विष पिया तो उनका शरीर जलने लगा. इसका प्रभाव कम करने के लिए बेल पत्र का रस महादेव को दिया गया और इसकी छाल घिस कर चूर्ण का लेप किया गया. बेल की छाल, चंदन के समान ही शीतल होती है. इसलिए महादेव को प्रिय है.
धतूरे में है अमृत गुण
कांटेदार फल धतूरा आम तौर पर जहरीला और जंगली माना जाता है. लेकिन यह भी तर्क है कि जहर ही जहर को काटता है. इसका भी इतिहास विषपान की घटना से जुड़ा है. धतूरा अपने अंदर कई अमृत रूपी गुणों को समेटे हुए है. आयुर्वेद में यह पुराने बुखार, जोड़ों के दर्द, विष प्रभाव आदि के कष्ट को हरने वाला कारक बताया गया है.
मदार के फूल को है वरदान
महादेव मदार के फूल बहुत प्रिय हैं. दरअसल, जब केतकी के फूल को श्राप मिला कि वह महादेव की पूजा में शामिल नहीं होगी तब महादेव ने खुद ही मदार के फूल को यह उपलब्धि प्रदान की. सफेद मदार के फूल भगवान शिव के खास तौर पर चढ़ाए जाते हैं. यह भी एक औषधीय पौधा है. इसके अलावा यह आयुर्वेद में जलोदर, पीलिया, हैजा, कालरा और अन्य पेट रोगों का निदान करने वाला है. इसके अनेक औषधीय गुण इसे अमृत जैसा बनाते हैं.
भांग में भी हैं कई गुण
भगवान शिव को भांग अति प्रिय है. लेकिन आम तौर पर लोगों ने इसे नशा या निश्चेतक के तौर पर उनका प्रिय मान लिया है. लेकिन ऐसा नहीं है. भांग एक घास और झाड़ी नुमा पौधा है. इसके रस के औषधीय गुण इसे महादेव का प्रिय बनाते हैं. इसका अधिक सेवन निश्चेतक प्रभाव उत्पन्न करता है.
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