Santan Prapti Ke Upay: संतान प्राप्ति का बहुत सरल उपाय, जरूर मिलता है फल! सुनें ठाकुर जी वाणी
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1871317

Santan Prapti Ke Upay: संतान प्राप्ति का बहुत सरल उपाय, जरूर मिलता है फल! सुनें ठाकुर जी वाणी

Santan Prapti Ke Upay: नारद जी बोले- नारायण से पूछ कर बताऊंगा. नारद जी ने भगवान नारायण से कहा कि प्रभु एक किसान हैं बहुत संपन्न है. बस एक बेटा दे दो. नारायण बोले नहीं-नहीं, इसके तो सात जन्म में भी संतान नहीं है. 

श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

Santan Prapti Ke Upay: संतान के लिए श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने बहुत ही सरल उपाय बताए हैं. इन उपाय को करने से संतान की प्राप्ति हो सकती है. श्री देवकीनंदन ठाकुर जी ने कहा कि मैं माता बहनों से एक बात पूछना चाहता हूं कि दूसरे के घरों में आग लगाने से अपना घर कैसे चलेगा. कोई कितना भी कहे कि तुम्हें नौ महीने में हो जाएगा. कहना मुझे ऐसा पुत्र नहीं चाहिए. अगर तुम्हें वाकई में पुत्र चाहिए तो पूरे विधि विधान से श्री भागवत पाठ करना. 

श्री देवकीनंदन ठाकुर जी ने आग कहा कि भगवान की भजन करना. सातों दिन श्री भागवत सुनें पूरे मन से, अगर नियम से आप कथा सुनते हैं तो तय है आपको संतान होगी. हुआ है भाई श्री भागवत सुनने से शादी के 20 से 22 साल के बाद हुए पुत्र हुए हैं, लेकिन नियम से सुनें. एक बात बताए आपको पाप से प्रर्थाना ज्यादा पावरफुल है. पाप करने के बजाय आप प्रर्थाना करिए.

श्री देवकीनंदन ठाकुर जी ने भक्तों को एक कथा सुनाई. उन्होंने कहा कि एक बार नारद जी भ्रमण करते हुए जा रहे थे. नारद जी जब एक गांव में पहुंच तो एक ग्रामीण मिला. नारद जी की खूब सेवा की. नारद जी ने कहा कुछ मांग लो. उसके ने नारद जी से कहा सब संपन्न है. बस एक संतान दे दो, नारद जी बोले- नारायण से पूछ कर बताऊंगा. नारद जी ने भगवान नारायण से कहा कि प्रभु एक किसान हैं बहुत संपन्न है. बस एक बेटा दे दो. नारायण बोले नहीं-नहीं, इसके तो सात जन्म में भी संतान नहीं है. नारद जी आए और किसान से बोले क्या रखा है बेटा-बेटी में वह आपने माता-पिता को छोड़कर जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: गर्भ में संतान किसके भाग्य के अनुसार आती है? माता-पिता क्या सावधानी रखें?

वहीं, एक दिन एक संत गांव में पहुंचे और बोले एक रोटी दो, एक बेटा लो. किसान ने संत को चार रोटी खिलाई और चार बेटे हुए. कुछ दिन बाद नारद जी गांव में पहुंचे और किसान बच्चों के साथ था. नारद जी पूछे किसके हैं. किसान बोला मेरे नाती है. नारद जी भगवान नारायण के पास आए और बोले आपने ने प्रभू मुझे किसान की नजर में झूठा बना दिया. इस दौरान नारायण जी जोर-जोर बोले पेट में पीड़ा हो रही है. नारद जी बोले क्या करूं, तब नारायण जी ने बोला कोई मेरा भक्त मुझे अपना हृदय देते तो मेरा मन ठीक हो जाएगा. 

ये भी पढ़ें: GK Current Affairs Quiz: नाथ संप्रदाय क्या है? सीएम योगी से क्या है इसका कनेक्शन?

नारद जी ने पृथ्वी पर आकर कई लोगों से बोला अपना हृदय दे दो भगवान नारायण का दर्द ठीक हो जाएगा. इस बीच एक संत नारद जी से मिले और नारद जी ने संत से कहा अपना हृदय नारायण को दे दो. संत अपना सीना चीरकर देने लगा, तो नारायण पहुंचे और नारद से कहा संत से बड़ी वाणी कोई नहीं होती है. 

 

Trending news