Rakesh Jhunjhunwala Death: शेयर मार्केट के 'बिगबुल' राकेश झुनझुनवाला का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस
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Rakesh Jhunjhunwala Death: शेयर मार्केट के 'बिगबुल' राकेश झुनझुनवाला का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

शेयर मार्केट के बिगबुल राकेश झुनझुनवाला का रविवार को निधन हो गया.  दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला 2-3 सप्ताह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे. 62 साल के राकेश झुनझुनवाला ने रविवार को मुंबई में अंतिम सांस ली.

Rakesh Jhunjhunwala Death: शेयर मार्केट के 'बिगबुल' राकेश झुनझुनवाला का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

पटना: शेयर मार्केट के बिगबुल राकेश झुनझुनवाला का रविवार को निधन हो गया.  दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला 2-3 सप्ताह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे. 62 साल के राकेश झुनझुनवाला ने रविवार को मुंबई में अंतिम सांस ली. कैंडी अस्पताल ने सुबह 6 बजकर 45 बजे मिनट पर  झुनझुनवाला के निधन की पुष्टि की है. बता दें कि आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर वो आकासा एयर (Akasa Air) के उद्घाटन समारोह में नजर आये थे.

5 हजार रुपये से की थी शुरूआत 
राकेश झुनझुनवाला को भारत का वॉरेन बफेट के नाम से भी जाना जाता था. उनके निधन की खबर से सभी आश्‍चर्य में हैं. बता दें कि  हाल में उन्‍होंने अपनी एयरलाइन कंपनी आकासा एयर शुरू की है. आकासा ने पिछले दिनों ही पहली उड़ान भरी थी. कंपनी ने  7 अगस्त से ऑपरेशन शुरू कर दिया है. हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले झुनझुनवाला ने अपने सफर की शुरूआत महज 5 हजार रुपये से की थी. झुनझुनवाला ने एक कार्यक्रम में कहा था कि स्टॉक मार्केट में कोई किंग नहीं होता. जो खुद को किंग समझने लगते हैं वो आर्थर रोड जेल पहुंच गए.

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राकेश झुनझुनवाला ने 1986 में कमाया पहला मुनाफा 
5 जुलाई 1960 को मुंबई में जन्में राकेश झुनझुनवाला के पिता इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अधिकारी थे. झुनझुनवाला के पिता भी शेयर मार्केट में पैसे निवेश किया करते थे. झुनझुनवाला को अपने पिता से ही शेयर बाजार में पैसा लगाने का चस्का लगा. झुनझुनवाला ने 1985 में पहली बार शेयर बाजार में कदम रखा था. तब उन्होंने शेयर बाजार में 5 हजार रुपये का निवेश किया था. 1986 में उन्होंने अपना पहला मुनाफा कमाया. तब टाटा टी के शेयर उन्होंने  43 रुपये के भाव से खरीदे थे और तीन महीने बाद उसे 143 रुपये प्रति शेयर के भाव से बेच दिए. इस सफलता के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद उन्होंने जो भी किया वो भारतीय बाजार के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. 

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