भारतीय के अनुच्छेद 79 के अनुसार राष्ट्रपति भारत की संसद का अभिन्न हिस्सा माना गया है और इसी के तहत उसे विधायी शक्तियां प्राप्त होती है. राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को बुला सकता है और सत्र को समाप्त करने की घोषणा कर सकता है.
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पटनाः Presidential Election 2022: भारत में आज 15वें राष्ट्रपित को लेकर चुनाव हो रहा है. आज जीतने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की जगह लेगा. ऐसे में आपके मन में यह सवाल तो जरूर उठता होगा कि आखिर देश के महामहिम की शक्तियां और न्यायिक शक्तियां क्या है. इसके अलावा वेतन से लेकर क्या-क्या सुविधा मिलती है.
राष्ट्रपति की क्या है संवैधानिक स्थिति और योग्यताएं
राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है. भारतीय संघ की कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है. जिसका प्रयोग वह स्वयं अथवा अपने अधीन अधिकारियों के माध्यम से करता है. राष्ट्रपति की संविधान की स्थिति की बात करें तो अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया है, राष्ट्रपति का पद सर्वाधिक सम्मान, गरिमा तथा प्रतिष्ठा वाला पद है. बात करें योग्यता कि तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई व्यक्ति राष्ट्रपति होने योग्य तब होगा, जब वह भारत का नागरिक हो, उसकी आयु 35 वर्ष की पूरी कर चुका हो और लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किए जाने योग्य हो.
राष्ट्रपति का कितना होता है कार्यकाल
बता दें कि राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है लेकिन राष्ट्रपति अपने पद पर तबतक बना रहेगा जब तक की उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर ले. अनुच्छेद 56 के अनुसार अगर राष्ट्रपति का पद मृत्यु त्याग पत्र अथवा महाभियोग द्वारा खाली हो जाए तो इस स्थिति में नए राष्ट्रपति का चुनाव 5 वर्षों के लिए होता है ना कि शेष अवधि के लिए खाली पद पर चुनाव 6 महीने के भीतर होना जरूरी है.
भारत के राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रक्रिया
भारतीय के अनुच्छेद 79 के अनुसार राष्ट्रपति भारत की संसद का अभिन्न हिस्सा माना गया है और इसी के तहत उसे विधायी शक्तियां प्राप्त होती है. राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को बुला सकता है और सत्र को समाप्त करने की घोषणा कर सकता है. प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है. राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से बुला सकता है और उसकी अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है. राज्यसभा में राष्ट्रपति 12 सदस्यों व 2 एंग्लो इंडियन को मनोनीत करता है.
क्या है वित्तीय शक्तियां
बता दें कि संसद में धन विधेयक बिना राष्ट्रपति की अनुमति बिना पेश नहीं किया जा सकता है. अनुदान या वित्तीय सम्बंधित मांग राष्ट्रपति की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है. भारत की संचित निधि से अग्रिम भुगतान के संबंध में अधिकार राष्ट्रपति के पास है. वित्त आयोग का गठन प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया के द्वारा ही किया जाता है.
क्या है न्यायिक शक्तियां
बता दें कि राष्ट्रपति देश में स्थापित उच्च व उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायधीश व उच्च न्यायधीशो की नियुक्ति करता है. राष्ट्रपति उच्चतम न्यायलय द्वारा सलाह ले सकता है परन्तु सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं है. अनुच्छेद 70 के द्वारा राष्ट्रपति को क्षमादान, दंड की प्रक्रति बदलने का अधिकार प्राप्त है.
क्या है सैन्य शक्तियां
बता दें कि राष्ट्रपति तीनो सेना का अध्यक्ष होता है और देश में केंद्र की सिफारिस पर युद्ध समाप्त या होने की घोषणा कर सकता है.
क्या है आपातकालीन शक्तियां
राष्ट्रपति के पास इतनी ताकत है कि आपातकाल के समय अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपातकाल), अनुच्छेद 356,365 (राष्ट्रपति शासन) व अनुच्छेद 360 (वित्त आपातकाल) लोक हित में लगा सकता है.
क्या है राष्ट्रपति का वीटो पॉवर या शक्तियां
संविधान में निहित राष्ट्रपति की शक्तियों के आधार पर निम् प्रकार वीटो का प्रयोग कर सकता है. राष्ट्रपति देश हित में किसी विधेयक को अपने पास सुरक्षित रख सकता है अर्थात संसद द्वारा पास यह विधेयक समाप्त हो जाता है.
राष्ट्रपति का कितना होता है वेतन और भत्ता
राष्ट्रपति की सैलरी पांच लाख प्रतिमाह है, राष्ट्रपति का वेतन पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसके अतिरिक्त उन्हें नि:शुल्क आवास व संसद द्वारा स्वीकृत अन्य भत्ते प्राप्त होते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रपति को 9 लाख रुपए वार्षिक पेंशन प्राप्त होती है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 59 के अनुसार, राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान सैलरी तथा भत्ते में किसी प्रकार की कमी नहीं की जा सकती है.