Pitru Paksha 2023: ध्यान देने वाली बात यह है कि श्राद्धीय ब्राह्मणों को अलग से नमक परोसना चाहिए. अन्य दिनों की तरह श्राद्ध में भी हाथ से परोसना चाहिए. खाने के उपकरणों का उपयोग करके नहीं. थाली में भोजन परोसते समय कुछ खास ध्यान देने वाली बातें हैं.
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Pitru paksha 2023: पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष 2023 का आयोजन 29 सितंबर से शुरू हो गया है और 16 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा. इस अवसर पर पितरों को यदि भोजन परोसा जाता है, तो इसमें कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए. श्राद्ध में भोजन का अपना महत्व होता है क्योंकि मान्यता है कि इसके माध्यम से पितरों को आत्मा की शांति मिलती है. इस दौरान आपको कुछ खाने पीने के नियमों का पालन करना चाहिए.
श्राद्ध में भोजन की थाली को हमेशा उल्टी दिशा में रखना चाहिए और उस पर भस्म की रेखा बनानी चाहिए. इसे केले के पत्तों या मोहा वृक्ष के पत्तों से बनी पत्तल से परोसना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि श्राद्धीय ब्राह्मणों को अलग से नमक परोसना चाहिए. अन्य दिनों की तरह श्राद्ध में भी हाथ से परोसना चाहिए. खाने के उपकरणों का उपयोग करके नहीं. थाली में भोजन परोसते समय कुछ खास ध्यान देने वाली बातें हैं.
थाली को चार भागों में बांटना चाहिए. बाएं और दाएं सामने और मध्य में आदि. पहले थाली में देसी घी लगाना चाहिए. मध्यभाग में चावल को परोसना चाहिए. खीर, भाजी-तरकारी आदि को दाईं ओर पसोना चाहिए. इसके बाद, नीबू, चटनी और कचूमर को बाईं ओर परोसना चाहिए. सामने पकवान जैसे सांबार, कढ़ी, पापड़, पकौड़ी, उड़द के बड़े, और लड्डू को रखें. याद रखें कि श्राद्ध में बनाए जाने वाले भोजन में कम से कम एक चीज होनी चाहिए, जो आपके पितरों को पसंद थी. भोजन परोसते समय मन में भेदभाव की भावना नहीं रखनी चाहिए और जब तक श्राद्ध विधि पूरी नहीं हो जाती है. तब तक छोटे बच्चों, अतिथियों या अन्य सदस्यों को खाना नहीं देना चाहिए.
Disclaimer: ध्यान दें कि यह सभी जानकारी केवल सामान्य है और आपको इसे अपने आध्यात्मिक गुरु या पंडित से पुष्टि करनी चाहिए. श्राद्ध एक आध्यात्मिक आयोजन है और इसका सही ढंग से पालन करने से आपको आत्मिक और मानसिक शांति मिल सकती है.
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