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Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि हिंदुओं के लिए महान सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का काल है. यह त्यौहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है.

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चैत्र नवरात्रि हिंदुओं के लिए महान सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का काल है. यह त्यौहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है. 

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वैदिक पंचांग के अनुसार, 9 अप्रैल को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. ये अभिजीत मुहूर्त है

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वैदिक पंचांग के अनुसार, 9 बजकर 10 मिनट पर अशुभ चौघड़िया रहेगा. इस वजह से इस समय घट स्थापना ना कीजिए. शुभ चौघड़िया सुबह 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में कलश स्थापित कर सकते हैं. 

 

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वैदिक पंचांग के अनुसार, 9 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 31 मिनट तक पंचक रहेंगी. ऐसे में पंचक की समाप्ति के बाद कलश स्थापित करना शुभ रहेगा. 

 

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नवरात्रि का एक प्रमुख आध्यात्मिक महत्व है और प्रत्येक दिन का एक अनूठा रंग संयोजन है. इन रंगों में आमतौर पर पीला, हरा, ग्रे, नारंगी, सफेद, लाल, शाही नीला, गुलाबी और बैंगनी शामिल हैं. आइए सबसे पहले एक नजर डालते हैं कि नवरात्रि के दौरान इन रंगों का क्या महत्व है.

 

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रामनवमी के उत्सव के साथ 9 दिनों की नवरात्रि समाप्त होती है. इस त्योहार के दौरान भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं. और क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के प्रत्येक दिन का एक निश्चित रंग होता है जिसका महत्व और मूल्य होता है?

 

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इस साल नौ दिनों की चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी और 17 अप्रैल को समाप्त होगी. चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म से जुड़े लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है. यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में आता है.

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इन नौ दिनों के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, उपवास करते हैं, अनुष्ठान करते हैं और आशीर्वाद और दैवीय सुरक्षा पाने के लिए मंदिरों में जाते हैं. यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है.

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नवरात्रि के पहले दिन जल्दी उठ जाएं. इसके बाद स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहन लीजिगा. ध्यान रहे कि मंदिर की साफ- सफाई एक दिन पहले ही करना चाहिए.