अजब बिहार की गजब की कहानी! जमानत किसी और को.. आजाद हुआ कोई और, जानें पूरा मामला
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अजब बिहार की गजब की कहानी! जमानत किसी और को.. आजाद हुआ कोई और, जानें पूरा मामला

बिहार के मुजफ्फरपुर में शहीद खुदीराम बोस जेल में लापरवाही के एक विचित्र मामले में, जेल अधिकारियों ने पिछले साल नवंबर में उसी नाम के एक अन्य व्यक्ति को रिहा कर दिया, जिसकी रिहाई का आदेश अदालत ने दिया था.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के मुजफ्फरपुर में शहीद खुदीराम बोस जेल में लापरवाही के एक विचित्र मामले में, जेल अधिकारियों ने पिछले साल नवंबर में उसी नाम के एक अन्य व्यक्ति को रिहा कर दिया, जिसकी रिहाई का आदेश अदालत ने दिया था. जहां पुलिस गलत तरीके से रिहा किए गए व्यक्ति को पकड़ने में सफल रही और उसे रविवार को वापस जेल भेज दिया गया, वहीं राज्य पुलिस के जेल प्रकोष्ठ ने लापरवाही के लिए एक सहायक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया है.

जानें क्या है पूरा मामला

पुलिस ने बताया कि दोनों कैदियों के नाम एक जैसे होने के कारण यह पूरी घटना घटी. घटना 20 नवंबर 2022 की है, जब मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने मीनापुर थाना क्षेत्र के शंकर पट्टी गांव के रामदेव सहानी के बेटे गुड्डू कुमार को रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन जेल अधिकारियों ने धनेश्वर राय के बेटे गुड्डू कुमार को रिहा कर दिया. दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे.

 

जब रिहा होने वाले गुड्डू कुमार के माता-पिता को इस घटनाक्रम के बारे में पता चला, तो उन्होंने जेल अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और फिर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे.

सहायक अधीक्षक-सह-प्रवेश प्रभारी को किया गया निलंबित

मामला जब वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उन्होंने जेल अधीक्षक ब्रजेश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा, जिन्होंने मामले की जांच शुरू की और सहायक अधीक्षक-सह-प्रवेश प्रभारी प्रियंका की लापरवाही पाई. अपनी रिपोर्ट में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि प्रियंका ने नाम और पते का मिलान किए बगैर दूसरे गुड्डू कुमार को रिहा कर दिया. जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर जेल प्रकोष्ठ ने प्रियंका को निलंबित कर दिया.

(इनपुट भाषा के साथ)

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