सनातन परम्परा में नाग पंचमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गयी है. इस दिन गंगा स्नान के साथ नाग पूजा का बड़ा महत्व है. साथ ही कहा जाता है कि सूर्योदय के साथ इस दिन नाग पूजा की जाए और नाग देवता को भगवान शिव के साथ गंगा जल से अभिषेक किया जाए तो पितरों को प्रसन्न किया जाता है.
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पटना: Nag Panchami update: सनातन परंपरा में नागों को देवता तुल्य माना गया है. इसीलिए सावन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. इस दिन विधिविधान से नाग पूजा की जाती है. साथ ही कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष भी दूर किया जा सकता है. जानिए कुछ खास उपाय
नाग पंचमीका है महत्व
सनातन परम्परा में नाग पंचमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गयी है. इस दिन गंगा स्नान के साथ नाग पूजा का बड़ा महत्व है. साथ ही कहा जाता है कि सूर्योदय के साथ इस दिन नाग पूजा की जाए और नाग देवता को भगवान शिव के साथ गंगा जल से अभिषेक किया जाए तो पितरों को प्रसन्न किया जाता है साथ ही कालसर्प दोष से मुक्त हो सकते हैं. इस नाग पंचमी को ऐसे कई उपाय किये जा सकते हैं जो कुंडली के दोष दूर कर सकते हैं.
कालसर्प दोष होगा दूर
नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति का उपाय किया जा सकता है. इसके लिए भगवान शिव की पूजा करना सबसे सरल उपाय है. किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें. पूजा के समय मिश्री एवं दूध जरूर अर्पित करें. शिव कृपा से सभी दोष दूर होते हैं.
चांदी के नाग नागिन
नाग पंचमीवाले दिन नदी में स्नान करें, इसके बाद चांदी के बने नाग और नागिन की पूजा करें. उनसे कालसर्प दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें फिर इसके बाद उस नाग और नागिन को बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं.
शिवमन्दिर में करें राहु पूजा
नाग पंचमी के दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. इसके जाप और पाठ से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए राहु की पूजा की जाती है. आप किसी शिव मंदिर में राहु की पूजा करा सकते हैं.
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