पहले, दारू पीकर मरोगे तो क्या सरकार मुआवजा देगी? अब, 4 लाख की मदद देंगे, CM नीतीश के सुर कैसे बदले
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पहले, दारू पीकर मरोगे तो क्या सरकार मुआवजा देगी? अब, 4 लाख की मदद देंगे, CM नीतीश के सुर कैसे बदले

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुर बदल गए हैं. हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. उनके सुर बदलते रहते हैं. सुर बदलने के चलते ही वे सत्ता में हैं. अब तक वे गठबंधन को लेकर सुर बदलते थे और अब नियम कानूनों को लेकर भी उनके सुर बदलते जा रहे हैं.

 (फाइल फोटो)

Motihari Hooch Tragedy: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुर बदल गए हैं. हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. उनके सुर बदलते रहते हैं. सुर बदलने के चलते ही वे सत्ता में हैं. अब तक वे गठबंधन को लेकर सुर बदलते थे और अब नियम कानूनों को लेकर भी उनके सुर बदलते जा रहे हैं. पहले आनंद मोहन को बाहर किए जाने को लेकर जेल मैन्युअल में संशोधन किया और अब जहरीली शराब से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने जा रहे हैं. पहले नीतीश कुमार कहते थे, दारू पीकर मरेंगे तो क्या सरकार मुआवजा देगी. और अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि जहरीली शराब से मृतकों के परिवारवालों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देंगे. हालांकि इसके साथ उन्होंने एक टर्म एंड कंडीशन जोड़ दिया है. साथ ही यह ऐलान किया गया है कि यह मुआवजा 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से हुई जहरीली शराब से मौतों पर लागू होगा. यह बदलाव ऐसे नहीं हुआ है. शायद नीतीश कुमार इस ट्रंप कार्ड को संजोकर रखे हुए थे और उचित मौके की तलाश में थे. उनके लिए वह उचित मौका आ गया है, क्योंकि लोकसभा चुनाव करीब आता जा रहा है और उन्हें यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है. 

 

नीतीश कुमार का कहना है कि जहरीली शराब से मौतों को लेकर मुआवजा उन्हीं को मिलेगा, जो लिखित में देंगे कि शराब पीना गलत है. परिवारों को लिखकर देना होगा कि वे शराबबंदी कानून के पक्ष में हैं और शराब पीने के खिलाफ हैं. नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि सरकार दयनीय परिवारों की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि हमने शराबबंदी कानून लागू की पर जो कुछ भी हो रहा है वो सही नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशासन अगर रिपोर्ट देता है कि दयनीय परिवारों की सरकार मदद करेगी. 

ये वहीं नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने कभी कहा था- दारू पीकर मरेंगे तो क्या सरकार मुआवजा देगी. सरकार एक पैसा नहीं देने जा रही है. वे तब भाजपा नेताओं की ओर से मुआवजे की मांग पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. तब बिहार के छपरा में 59, सीवार में 5 और बेगुसराय में 2 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी. उस समय नीतीश कुमार ने मुआवजा देने की बात से दोटूक इनकार कर दिया था. उस समय विधानसभा में जहरीली शराब कांड को लेकर जमकर हंगामा हुआ था और कुर्सियां भी तोड़ दी गई थीं. विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने तो राजभवन मार्च कर सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की थी. वाकया 4 महीने पहले का है. 

तब नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा था, सरकार की विफलता से अपराधियों की गोली से या जहरीली शराब से कोई मरता है तो सरकार को मुआवजा देना चाहिए. इसके लिए सरकार को अलग से कानून लेकर आना चाहिए. सिन्हा ने यह भी कहा था कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है. बिहार में दारू, बालू और भ्रष्टाचार सरकार का मुख्य एजेंडा बन गया है. विजय कुमार सिन्हा ने तब सरकार से जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की मांग की थी.

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