Manish Kashyap: मनीष कश्यप ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की और सच तक नाम से एक यूट्यूब चैनल खोला. चैनल पर उन्होंने सेल्फ रिपोर्टिंग कर वीडियो प्रसारित करना शुरू कर दिया और जल्द ही वे बहुत ज्यादा फेमस होते चले गए.
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Manish Kashyap: सन आफ बिहार यूट्यूबर मनीष कश्यप पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में आज बिहार बंद का आह्वान किया गया है. बिहार के पश्चिमी चंपारण के निवासी मनीष कश्यप पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी वीडियो वायरल कर तमिलनाडु में बिहारियों पर हिंसा की झूठी खबरें फैलाईं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कथित हिंसा को लेकर बिहार सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी और विधानसभा में बीजेपी ने जबर्दस्त तरीके से हंगामा मचाया था. इस पर सरकार को जांच के लिए एक टीम बनाकर तमिलनाडु भेजनी पड़ी. जांच में मामला फर्जी निकला और टीम खाली हाथ वापस लौट आई. उसके बाद मनीष कश्यप पर कार्रवाई की गई. मनीष कश्यप कौन हैं, क्यों इतना जल्दी फेमस हो गए और उनके यूट्यूब चैनल के बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं.
मनीष कश्यप ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की और सच तक नाम से एक यूट्यूब चैनल खोला. चैनल पर उन्होंने सेल्फ रिपोर्टिंग कर वीडियो प्रसारित करना शुरू कर दिया और जल्द ही वे बहुत ज्यादा फेमस होते चले गए. यूट्यूब पर आज की तारीख में 6.51 मिलियन सब्सक्राइबर हैं. उनके फेसबुक पेज पर भी 4 करोड़ फॉलोवर्स हैं. उनकी रिपोर्टिंग की स्टाइल लोगों को बहुत पसंद आई और वे लगातार लोगों के दिलों में राज करते चले गए.
मनीष कश्यप की प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल में 2007 में पूरी हुई. 12वीं की पढ़ाई 2009 में पूरी करने के बाद वे महाराष्ट्र चले गए और सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी में 2016 में सिविल इंजीनियर की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने नौकरी नहीं की बल्कि अपने राज्य वापस लौट आए. उन्होंने यूट्यूबर बनने का फैसला किया और सच तक नाम ये चैनल बनाया. पत्रकारिता को पेशा बनाकर मनीष कश्यप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.
मनीष कश्यप ने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने भाग्य की परीक्षा ली और मैदान में कूद पड़े थे. बिहार के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से मनीष कश्यप ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार विधायकी लड़ी. वे तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें 9239 वोट मिले थे.
पुलिस ने जब मनीष कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की तो उस समय उनके खाते में 42 लाख रुपये थे, जिसे पुलिस ने फ्रीज कर दिया है. मनीष के खिलाफ पहले वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद वे फरार हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने कुर्की जब्ती का वारंट निकाल दिया तो मनीष को आत्मसमर्पण करना पड़ा.
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