Sonpur Fair: सोनपुर मेले में इस बार मिलेगा हर गांव का नक्शा, कीमत मात्र 150 रुपये
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Sonpur Fair: सोनपुर मेले में इस बार मिलेगा हर गांव का नक्शा, कीमत मात्र 150 रुपये

Land Map In Sonpur Fair: बिहार सरकार में राजस्व व भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने बताया कि कोई भी व्यक्ति शुल्क देकर वहां से अपने गांव का नक्शा सहजता से ले सकता है. 

सोनपुर मेला

Land Map In Sonpur Fair: बिहार और मेलों का रिश्‍ता काफी पुराना है. यहां पर छोटे से लेकर बड़े त्‍योहारों पर मेले का आयोजन होना सामान्‍य बात है. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का भी शुभारंभ हो चुका है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार (25 नवंबर) को दीप प्रज्ज्वलित करके मेले का उद्घाटन किया था. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 25 नवंबर से शुरू होकर आगामी 26 दिसंबर के बीच 32 दिनों तक चलेगा. इस मेले में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग मेला घूमने पहुंचते हैं. इस बार बिहार सरकार ने सोनपुर मेला के जरिए जमीन संबंधी समस्या और विवाद को निपटाने का तरीका खोज निकाला है. 

राज्य सरकार की ओर से सोनपुर मेले में गांवों के नक्शे उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. बिहार सरकार में राजस्व व भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने बताया कि कोई भी व्यक्ति शुल्क देकर वहां से अपने गांव का नक्शा सहजता से ले सकता है. उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए मेले में अपना स्टॉल भी लगाया और वहां विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि दस करोड़ कागजात स्कैन करने का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से तीन करोड़ भूमि संबंधित कागजात का स्कैन किया जा चुका है.

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उन्होंने कहा कि मेला आने वाले लोगों को इस प्रदर्शनी में डेढ़ सौ रुपये प्रति नक्शा की दर से भुगतान करने पर नक्शा प्राप्त हो जाएगा. इस दिशा में भी काम हो रहा है. नगर पालिका क्षेत्र में भूमि की जमाबंदी होल्डिंग नंबर के आधार पर की जाएगी. मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि विभागीय स्टॉल से कोई भी अपने गांव का नक्शा ले सकता है. इस नक्शे में उसके प्लॉट का भी नक्शा मौजूद रहेगा. प्लॉट का नक्शा होने के कारण कोई रैयत आसानी से गांव के सारे प्लॉट की जानकारी पा सकता है.

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बता दें कि यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. यहां हाथी से लेकर घोड़ा, कुत्ता सहित सभी प्रकार के जानवरों की बिक्री होती है. इसके साथ ही तीन एकड़ क्षेत्र में घोड़ा बाजार, चिड़िया बाजार और हथकरघा से बने सामानों के स्टाल लगे हुए हैं. मेले में विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए इस बार भी 20 स्विस कॉटेज बनाए गए हैं. पूरे एक महीने तक कॉटेज का चार्ज 2500 रुपए ही रखा गया है.

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