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Patna: राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अब तेजस्वी यादव पूछताछ, ट्रायल और सजा से बच नहीं पाएंगे. बता दें कि इस मामले को लेकर सीबीआई तीन बार तेजस्वी यादव को समन जारी कर चुकी हैं.
सुशील मोदी ने साधा निशाना
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा और कहा,"सीबीआई के समन पर उपस्थित न होना, फिर पत्नी की तबीयत का हवाला देना, समन के खिलाफ कोर्ट जाना और फिर विधानसभा की कार्यवाही में उपस्थिति को पूछताछ से बचने का बहाना कब तक बनाया जा सकता है? बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी?
उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह इस मामले में इतने पुख्ता सबूत सीबीआई तक पहुँचा चुके हैं कि लालू प्रसाद , राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित सभी प्रमुख आरोपियों के अपराध प्रमाणित होंगे और उन्हें सजा मिलेगी।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 16, 2023
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी प्रसाद यादव अब पूछताछ , ट्रायल और सजा से बच नहीं पाएँगे।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 16, 2023
ललन सिंह पहुंचा चुके हैं सबूत
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने आगे कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह इस मामले में इतने पुख्ता सबूत सीबीआई तक पहुंचा चुके हैं कि लालू प्रसाद , राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित सभी प्रमुख आरोपियों के अपराध प्रमाणित होंगे और उन्हें सजा मिलेगी.
तेजस्वी यादव से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई जानना चाहती है कि तेजस्वी यादव दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी में डेढ़ सौ करोड़ के चार मंजिला मकान (डी-1088) के मालिक कैसे बन गए? वर्ष 2006 में हजारी राय के दो भतीजों ( दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार) को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरी मिली. हजारी राय से एक जमीन 21 फरवरी 2007 को एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवा ली गई.
सीबीआई का जांच में करे सहयोग
फ्रेंड्स कालोनी वाले मकान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने ट्वीट किया," दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी वाले मकान का स्वामित्व इसी एके इन्फोसिस्टम्स के पास था. बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव इस कंपनी के मालिक बन गए." उन्होंने कहा कि सीबीआई इस तरह के मामलों में यदि सच जानना चाहती है, तो तेजस्वी यादव की भलाई पूछताछ से भागने में नहीं, बल्कि सहयोग करने में है.