Cricket News: भारत और जिम्बाब्वे की टीमें इंग्लैंड का ट्रेंटब्रिज वेल्स मैदान पर आमने-सामने थी. वहीं, अपना पहला विश्व कप खेलने उतरी जिम्बाब्वे ने भारत को परेशानी में डाल दिया था. इस मैच में भारत के 9 रन 4 बल्लेबाज आउट हो चुके थे.
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Cricket News: भारत में क्रिकेट अंग्रेजों के शासन काल से खेला जा रहा है. इस दौरान क्रिकेट को घर-घर नहीं जाना जाता था. ये माना जाता था कि यह बड़े लोगों का खेल है और आम लोगों से दूर था, लेकिन धीर-धीरे वक्त बदला और देश का निजाम बदला फिर भी भारत मे क्रिकेट से का क्रेज नहीं बढ़ा. इस बीच दुनिया भर क्रिकेट को खूब पसंद किया जाने लगा. साल 1975 में पहला विश्व कप क्रिकेट इंग्लैंड में खेला गया और भारतीय क्रिकेट टीम बाहर हो गई. फिर साल 1979 में दूसरे विश्व कप में कमावेश वही हाल भारतीय क्रिकेट टीम का रहा. इसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव बनाए जाते है. फिर आता साल 1983 का विश्व कप. यहां से शुरू होता है भारतीय क्रिकेट का कायाकल्प. इस ऑर्टिकल में जानेंगे कि भारत में क्रिकेट को धर्म बनाने वाला खिलाड़ी, जिसकी एक पारी ने इंडिया विश्व विजेता बना दिया!
भारतीय क्रिकेट को बदलने वाली पारियों को जब जिक्र होगा तो कपिल देव की जिम्बाबे के खिलाफ खेली गई 175 रनों की पारी को जिक्र जरुर होगा. दरअसल, आज से करीब 40 साल पहले भारतीय क्रिकेट की हालत बहुत खराब थी, क्रिकेट खेलने वाले देश हल्के में लेते थे. भारत मे भी क्रिकेट के लेकर क्रेज नाम मात्र का था. इस बीच 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड विश्व कप खेलने पहुंचती है. किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह इस विश्व कप को जीत जाएंगे. यहां तक की खिलाड़ियों को भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन टीम जिस खिलाड़ी के नेतृत्व में भारतीय टीम इंग्लैंड पहुंची थी वह हार मानने वाला नहीं था!
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जिस क्रिकेट को भारत में बहुत कम लोग पसंद करते थे. उस क्रिकेट को तब के भारतीय कप्तान कपिल देव के पारी और विश्व विजेता टीम ने घर-घर पहुंचा दिया. कहानी कुछ इस तरह से है, जब आज से करीब 40 साल पहले कपिल देव क्रीज पर उतरे थे तो भारतीय टीम संकट में थी. भारतीय टीम को यहां से हार का मतलब था विश्व कप के अभियान पर विदाई. जैसा पहले दो विश्व कप में हो चुका था. लोगों को उम्मीद भी ठीक वैसे ही थी, लेकिन18 जून, 1983 को कपिल देव की पारी ने भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया.
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भारत और जिम्बाब्वे की टीमें इंग्लैंड का ट्रेंटब्रिज वेल्स मैदान पर आमने-सामने थी. वहीं, अपना पहला विश्व कप खेलने उतरी जिम्बाब्वे ने भारत को परेशानी में डाल दिया था. इस मैच में भारत के 9 रन 4 बल्लेबाज आउट हो चुके थे. इसके बाद मैदान पर भारतीय कप्तान कपिल देव उतरे, फिर 17 के स्कोर पर भारत को 5वां झटका लग गया, लेकिन कपिल देव के इरादे मजूबत थे वह हार नहीं मानने वाले थे. उन्होंने इस पारी में 138 गेंदों का सामना किया और 16 चौके और 6 छक्के लगाए. कपिल देव ने 175 रनों की जो पारी खेली वह भारतीय वनडे इतिहास में पहले कभी नहीं खेली गई थी. इतना ही नहीं वनडे मैच में भारत की तरफ से पहला शतक भी था. इस पारी ने ना केवल भारत को एक मुकाम दिया. इसके बाद भारत ने चैंपियन बनने तक का सफर तय किया. भारतीय क्रिकेट टीम ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया और विश्व विजेता. इसके बाद क्रिकेट भारत में धर्म की तरह हो गया!