शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर भड़के जदयू विधायक संजीव सिंह, बोले- इतनी दिक्कत है तो बदल लें धर्म
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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर भड़के जदयू विधायक संजीव सिंह, बोले- इतनी दिक्कत है तो बदल लें धर्म

जदयू विधायक ने कहा कि 'शिक्षा मंत्री के बयान का हम और सारे हिंदू खुलकर विरोध करते है. वह जातिवाद को रामचरितमानस में बांधना चाह रहे हैं, यह काफी शर्मनाक बात है. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा पाप कुछ हो ही नहीं सकता है.

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर भड़के जदयू विधायक संजीव सिंह, बोले- इतनी दिक्कत है तो बदल लें धर्म

पटनाः Ramcharit Manas Row: बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे दिया है. राजद के मंत्री ने कहा कि मानस ग्रंथ कूड़ा है, सफाई जरूरी है. उनके इस तरह के बयान के बाद जदयू विधायक संजीव सिंह ने उन्हें आड़े हाथों लिया है. बता दें कि जदयू और राजद महागठबंधन में हैं और इस तरह का विवाद दोनों पार्टियों के बीच में गठबंधन धर्म की गरिमा की खिलाफत करता है. संजीव सिंह ने शिक्षा मंत्री के बयान पर तल्खी दिखाई है. 

जदयू विधायक ने कहा कि 'शिक्षा मंत्री के बयान का हम और सारे हिंदू खुलकर विरोध करते है. वह जातिवाद को रामचरितमानस में बांधना चाह रहे हैं, यह काफी शर्मनाक बात है. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा पाप कुछ हो ही नहीं सकता है. उनका कहना है कि मंत्री की चीप पॉलिटिक्स की मंशा स्पष्ट हो रही है. अगर उनको हिंदू धर्म से दिक्कत है तो धर्म परिवर्तन कर लें.' 

बर्दाश्त करने को मजबूरी न समझें: संजीव सिंह
जेडीयू विधायक संजीव सिंह ने कहा कि 'अगर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने  किसी और धर्म के बारे में ऐसी टिप्पणी की होती तो आज सड़क पर चलने के लायक नहीं रहते. हिंदू धर्म ही ऐसा धर्म है जिसमें सब कुछ बर्दाश्त किया जाता है, लेकिन इसे हिंदुओं की मजबूरी न समझें और मंत्री अपनी सीमा में रहे. जेडीयू विधायक ने शिक्षा मंत्री को मानसिक रोगी तक करार दिया. उन्होंने कहा कि उनको इलाज की जरूरत है. कहा कि इनको शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए, इसके बजाइए अनाप-शनाप बोल रहे हैं. अपने काम पर ध्यान देने की जरूरत है.'

यह है शिक्षा मंत्री का बयान
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि किसी की हैसियत है तो विधानसभा में यह मुद्दा कोई उठाए. वह जवाब देंगे. रामचरितमानस में हजारों श्लोक हैं. दर्जनों में गड़बड़ी है. इन सब को हटाया जाए. जो आपत्तिजनक है उसको रेखांकित कर रहा हूं. जाति के नाम पर अपमानित करना बंद करो. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने, समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. यह भी कहा था कि यह दलित-पिछड़ों को पढ़ने, आगे बढ़ने से रोकता है.

 

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