स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐप (हिट) लॉन्च किया है जो होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए कारगर साबित होगा. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐप की तारीफ की है.
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Patna: बिहार में कोरोना के संक्रमण दर में कमी आई है. लोग तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं. लेकिन अब भी काफी संख्या में लोग घरों में रहकर यानि होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रह हैं. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐप (हिट) लॉन्च किया है जो होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए कारगर साबित होगा. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐप की तारीफ की है.
देश में कोरोना से लाखों लोगों की मौत हुई है. बिहार में भी हजारों लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है. कोरोना के मरीज अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं. लेकिन हिन्दुस्तान में काफी संख्या में ऐसे मरीज हैं जो घर में रहकर ही इलाज करा रहे हैं.
पिछली लहर के विपरीत इस बार हिन्दुस्तान और बिहार में ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों ने ज्यादा जान गंवाई है. मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए मारे-मारे फिरते रहे लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नसीब नहीं हुई. लिहाजा बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन ट्रैकिंग (हिट) एप को शुरू किया है. जिसके जरिए घर पर इलाज करा रहे मरीजों की हर तरह की जानकारी जुटाई जाएगी. खासकर ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल नाजुक स्तर पर है.
वहीं, पटना की सिविल सर्जन डॉक्टर विभा सिंह के मुताबिक, 'ये बिहार का ही ऐप है. इसके जरिए ANM कार्यकर्ता कोरोनो मरीजों को ट्रैक करेगी और ये जानकारी जिला स्तर से होते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति तक पहुंचेगी.'
इस ऐप का मकसद है खासकर ऐसे मरीज जिनका उपचार घरों पर ही चल रहा है, उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सके और उनकी अद्दतन जानकारी विभाग को मिल सके.
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दरअसल, बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से ही ऑक्सीजन के अभाव में कई मरीजों ने जान गवाई. इसी के चलते अब स्वास्थ्य विभाग ने दो कदम आगे बढ़ाते हुए 'हिट' नाम से एक ऐप लॉन्च की है जो होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जानकारी जुटाएगी.
वहीं, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयार किए गए इस ऐप का अध्ययन करते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दे दिया है.
इसके साथ ही ये ऐप कैसे काम करेगी इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दी. उनके मुताबिक, 'होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की ऑनलाइन निगरानी होगी. इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम वर्कर्स को टैब के जरिए जोड़ा जाएगा.'
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक, 'एएनएम वर्कर्स होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों से रोजाना मिलेंगे. इस दौरान वो उनके ऑक्सीजन लेवल और प्लस रेट की जांच करेंगे. खासकर ऐसे मरीजों की जानकारी ज्यादा तेजी से अपडेट की जाएगी जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 है. ऐसे मरीजों को Dedicated Covid Health Center यानि DCHC भेजा जाएगा ताकि इनका बेहतर इलाज हो सके.'
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 'ये सभी जानकारी इसी हिट ऐप पर अपलोड और उपलब्ध होगी और राज्य स्वास्थ्य समिति इसका अध्ययन कर आगे के निर्देश उपलब्ध कराएगी. स्वास्थ्य विभाग का फोकस कम ऑक्सीजन लेवल वाले मरीजों पर ज्यादा है. दरअसल, बिहार में इस बार कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल तेजी से घटने के कई केस आए हैं. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे मरीजों पर ध्यान देने का फैसला किया है जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 है.
फिलहाल राजधानी पटना में एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दो दिनों की ट्रेनिंग दे दी गई है. अब वो होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से जमीनी जानकारी जुटाएंगे.'
मंत्री ने आगे कहा, 'हमारा फोकस बेहतर करने का है, इसलिए तो ये ऐप लेकर आए हैं. हम ऐसे लोगों की ऑनलाइन देखरेख करेंगे जिनका उपचार घरों में हो रहा है. अगर ऑक्सीजन लेवल 94 है तो ज्यादा सतर्कता बरती जाएगी.'
हालांकि, ये ऐप कितना कारगर हो पाएगा ये इसके क्रियान्वयन पर निर्भर करेगा. बेशक ये नेक पहल है लेकिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बेहतर ढंग से प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी ताकि सटीक और सही जानकारी लोगों से स्वास्थ्य विभाग को मिल सके.