सर्कुलर में कहा गया है कि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच किए गए संविदात्मक समझौते के संदर्भ में नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को प्रदान किए गए अनुलाभ जीएसटी के अधीन नहीं होंगे. जब यह नियोक्ता और कर्मचारी के बीच अनुबंध के संदर्भ में प्रदान किया जाता है.
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पटनाः सरकारी कर्मचारियों को सरकार द्वारा दिए जा रहे भत्तों पर अब 'जीएसटी' नहीं लगेगा. यह केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने स्पष्ट किया है. बता दें कि हाल ही में जारी किए गए एक सर्कुलर के मुताबिक रोजगार के दौरान किसी कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को दी जाने वाली सेवाओं को माल या सेवाओं की आपूर्ति नहीं माना जाएगा. यह पिछले सप्ताह चंडीगढ़ में अपनी हालिया बैठक में जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने के संबंध में सीबीआईसी के स्पष्टीकरणों में से एक है.
सीबीआईसी का क्या है सर्कुलर
बता दें कि सर्कुलर में कहा गया है कि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच किए गए संविदात्मक समझौते के संदर्भ में नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को प्रदान किए गए अनुलाभ जीएसटी के अधीन नहीं होंगे. जब यह नियोक्ता और कर्मचारी के बीच अनुबंध के संदर्भ में प्रदान किया जाता है. भत्तों पर जीएसटी लागू किए जाने को लेकर लंबे समय से संशय बना हुआ था. पिछले फैसलों और स्पष्टीकरणों ने इस सिद्धांत को निर्धारित किया था कि दो व्यक्तियों के बीच किए जाने वाले लेनदेन जीएसटी को आकर्षित करेंगे, भले ही इसमें कोई विचार शामिल न हो.
सरकार का यह है स्पष्टीकरण
सरकार द्वारा जारी स्पष्टीकरण साफ तौर पर उद्योग के तर्क का अनुसरण करता है. जीएसटी को भत्तों पर लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वे रोजगार अनुबंध द्वारा विनियमित होते हैं. जो जीएसटी अधिनियम 2017 की अनुसूची के अनुसार जीएसटी से सुरक्षित है. अब तक कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों पर जीएसटी लागू होने के संबंध में कई मुकदमे लंबित थे. सीबीआईसी का यह स्पष्टीकरण संशय को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
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