Trending Photos
Patna: भाकपा माले के महासचिव दीपांकर ने उद्यमी गौतम अडानी की कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्ष की मांग का बुधवार को समर्थन किया. पटना में पत्रकारों से बातचीत में दीपांकर ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोरदार बहस पर गहरी चुप्पी साधे हुए हैं. दीपांकर की पार्टी बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन का हिस्सा है.
PM मोदी पर लगाए आरोप
PM मोदी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में मोदी का उदय व्यापारिक दुनिया में अडानी के उदय के साथ हुआ है और प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के संस्कार ने आर्थिक क्षेत्र को भी प्रभावित किया है. पहले सभी पूंवादी अर्थव्यवस्थाओं की तरह कई कंपनियाँ फल फूल रही थीं लेकिन अब केवल एक ही दूसरों की कीमत पर फल फूल रहा है.
दीपांकर ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में हो सकता है कि केवल अडानी समूह के वित्तीय गड़बड़ी के बारे में बात की गई हो, लेकिन वास्तव में यह केंद्र की सरकार पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है जिसने सभी अनियमितताओं को अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि यह प्रकरण बीबीसी द्वारा वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाने के तुरंत बाद आया है और यह निश्चित रूप से देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है, वह भी ऐसे में जबकि मोदी सरकार 20 की अध्यक्षता को लेकर गदगद हो रही है.
सेबी पर खड़े किये सवाल
भाकपा माले के नेता ने कहा, 'सेबी जैसी संस्थाएं अपना काम करने में विफल रहीं इसलिए जरूरी है कि निष्पक्ष जांच की जाए और हम जेपीसी जांच की मांग में पूरी तरह से विपक्ष के साथ हैं.' गौरतलब है कि पार्टी के पास एक भी सांसद नहीं है. पार्टी के 12 विधायकों के साथ बाहर से नीतीश कुमार सरकार का समर्थन कर रहे दीपांकर ने उपेंद्र कुशवाहा के मामले में सवाल करने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'सभी वाम नेताओं को 15 फरवरी को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया है. 18 फरवरी को एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा जिसे हमने नीतीश , झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव से संबोधित करने का अनुरोध किया है.'
(इनपुट भाषा के साथ)