Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन क्यों होती है भगवान धन्वंतरि की पूजा, जानें क्या है विशेष महत्व
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1400214

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन क्यों होती है भगवान धन्वंतरि की पूजा, जानें क्या है विशेष महत्व

Dhanteras 2022: धनतेरस का त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन कोई भी नई चीज खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाने वाला है. इस दिन लोग कुबेर और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग उनकी पूजा करते हैं.

Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन क्यों होती है भगवान धन्वंतरि की पूजा, जानें क्या है विशेष महत्व

पटना: Dhanteras 2022: धनतेरस का त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन कोई भी नई चीज खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 को मनाया जाने वाला है. इस दिन लोग कुबेर और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग उनकी पूजा करते हैं. इसके अलावा इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का भी विशेष महत्व है. ऐसे में आज हम आपको बताको बताने जा रहे हैं कि  भगवान धन्वंतरि की पूजा क्यों की जाती है और उनकी पूजा का क्या महत्व है. 

कौन हैं भगवान धन्वंतरि?
हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि जी को भगवान विष्णु के 12वां अवतार बताया गया है. धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के ही दिन मनाया जाता है. भगवान धन्वंतरि देव का जन्म भी इस दिन हुआ था. इस कारण से उनकी पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन धनतेरस को ही माना जाता है. वहीं अगर बात करें भगवान धन्वंतरि के रूप की तो उनकी चार भुजाएं हैं. जिसमें उनके एक हाथ में आयुर्वेद ग्रंथ, दूसरे हाथ में औषधि कलश, तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे हाथ में शंख रहता है. भगवान धन्वंतरि देव को आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है. 

हिन्दू धर्म की लोक कथाओं के अनुसार काशी के राजवंश में धन्व नाम के एक राजा ने काफी कठोर तपस्या करके अज्ज देव को प्रसन्न किया था और फिर वरदान में उन्हें धन्वंतरि नाम का पुत्र मिला था. इसके अलावा भगवान धन्वंतरि के जन्म को लेकर दूसरी कथाएं के बारे में भी कुछ पुराणों में उल्लेख मिलता है.

धनतेरस पर क्यों होती है धन्वंतरि देव की पूजा?
बता दें कि भगवान धन्वंतरि के जन्म के बारे में स्कंद पुराण में यह बताया गया है कि समुद्र मंथन से उनका जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन भगवान धन्वंतरि की तिथि के साथ मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था और इस कारण से दिवाली से पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और धनतेरस को भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है. इस कारण से धनतेरस पर सिर्फ मां लक्ष्मी और कुबेर का ही पूजन नहीं होता है बल्कि भगवान धन्वंतरि की पूजा भी इस दिन जरूर करनी चाहिए.

धनतेरस के दिन लोग पूरे विधि-विधान के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा से धन के साथ-साथ स्वस्थ शरीर का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

ये भी पढ़ें- Dhanteras Shubh Ya Ashubh: ग्रहण के साये में दिवाली-धनतेरस, इन राशियों के लिए अशुभ है सोना खरीदना

Trending news