नालंदा ओपन विश्वविद्यालय (एनओयू) के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर लिखित बंच आफ थाट्स ने देश को पीछे रखा हुआ है.
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Patna: नालंदा ओपन विश्वविद्यालय (एनओयू) के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर लिखित बंच आफ थाट्स ने देश को पीछे रखा हुआ है. इसके अलावा जाति ने समाज को जोड़ने के बजाए तोड़ने का काम किया है.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दिया विवादित बयान
दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थाट्स को जला देना चाहिए क्योंकि उन्होंने नफरत फैलाई है. ये लोगों को पीछे धकेलने का काम किया है.
उन्होंने आगे कहा कि इसी वजह से देश के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को मंदिरों में जाने से रोका भी गया था. ये ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते हैं. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने इनका विरोध किया था और उन्होंने मनुस्मृति को जला दिया था. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में लिखा है कि अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए. जिसका मतलब है-नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण कर जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीकर सांप हो जाता है. उन्होंने कहा कि ये ग्रंथ समाज में सिर्फ नफरत फैलाते हैं. इसे देश कभी महान नहीं बनेगा. देश सिर्फ प्यार ही महान बन सकता है.