पीएम मोदी के 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम को लेकर बिहार सरकार का फरमान जारी
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पीएम मोदी के 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम को लेकर बिहार सरकार का फरमान जारी

सभी जिलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पूर्व ही सभी पंचायतों में एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर आजादी के विभिन्न पहलुओं एवं स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालना है.

(फाइल फोटो)

पटना : 15 अगस्त को हर गांव के सामुदायिक भवन, सरकारी भवन, नल-जल टंकी आदि पर तिरंगा फहराया जाएगा. पंचायती राज विभाग ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बिहार के सभी 8067 पंचायतों और 111387 वार्डों में 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाएगा. 

बता दें इस संबंध में सभी जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. देशवासियों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अस्था पैदा करने के लिए यह आदेश जारी हुआ है. यही नहीं नागरिकों को अपने-अपने घरों पर झंडोत्तोलन करने को कहा गया है.

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सभी जिलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पूर्व ही सभी पंचायतों में एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर आजादी के विभिन्न पहलुओं एवं स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालना है.

पंचायत मुख्यालय में मुखिया एवं वार्ड में वार्ड सदस्य द्वारा ध्वज संहिता 2022 के नियमों का पालन करते हुए सरकारी स्थानों यथा-पंचायत सरकार भवन, पंचायत भवन, मनरेगा भवन एवं वार्ड में बने हर घर नल का जल की टंकी पर ध्वजारोहन किया जाएगा. 

स्थानीय आजीविका संगठनों से विभिन्न आकार यथा 20x30,16x24,6x9 का झंडा क्रय करने का निर्देश इसको लेकर दिया गया है. प्रत्येक पंचायत एवं वार्डों में ध्वजारोहन के लिए अधिकतम एक हजार रुपया छठे राज्य वित्त आयोग की सामान्य निधि से दिया जाएगा.

बिहार में मानसून कमजोर पड़ने से किसान परेशान, 'परदेश' की तैयारी में मजदूर

सावन के महीने में जब बिहार की खेतों में हरियाली दिखाई देती थी, लेकिन इस बार कई इलाकों में इस सावन के महीने में खेत सूख रहे हैं. इधर, खेतों में जब काम ही नहीं शुरू हुआ तो खेत में काम करने वाले मजदूर भी आशंकित होकर रोजगार की तलाश में भटकने लगे हैं. 

बिहार में बड़ी संख्या खेतिहर मजदूरों की है, जो खेतों में काम करते हैं. ऐसे मजदूर अब अन्य औद्योगिक शहरों की ओर जाने की योजना बना रहे हैं. बताया जाता है कि कुछ मजदूर अब जाने भी लगे हैं. बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर स्टेशन से औद्योगिक नगर जाने वाले ट्रेनों में ऐसे मजदूरों को अब देखा जा रहा है.

किसानों के सामने मुश्किल की स्थिति
सरैया के रहने वाले खेतिहर मजदूर राम प्यारे कहते हैं कि पिछले साल सावन महीने में झमाझम बारिश हो चुकी थी, लेकिन इस साल अब तक झमाझम बारिश का इंतजार है. उन्होंने बताया कि अगर ऐसी स्थिति रही तो मुश्किल हो जाएगी.

मानसून की बेरूखी से किसान परेशान
बिहार में मानसून के प्रवेश के एक महीना से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन अभी तक सामान्य से एक तिहाई बारिश भी नहीं हो पाई है.

 

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