Bihar Diwas 2024: वक्त था 22 मार्च साल 1912 का, जिस समय बंगाल से एक बड़ा हिस्सा अलग हुआ था फिर उसे बिहार का नाम दिया गया. आज के वक्त में बिहार की पहचान के कई प्रतीक चिन्ह है लेकिन बिहार के राज्य गीत की बात ही अलग है.
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पटनाः Bihar Diwas 2024: वक्त था 22 मार्च साल 1912 का, जिस समय बंगाल से एक बड़ा हिस्सा अलग हुआ था फिर उसे बिहार का नाम दिया गया. आज के वक्त में बिहार की पहचान के कई प्रतीक चिन्ह है लेकिन बिहार के राज्य गीत की बात ही अलग है. अपने भारत के राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अलावा बिहार राज्य का खुद का राज्यगीत है. हालांकि इस बारें में कई लोग जानते भी नहीं हैं. बिहार दिवस के खास मौके पर हम आपको बिहार के राज्य गीत के बारे में बताते है.
भारत में कुछ ऐसे चुनिंदा राज्य है जिनका खुद का राज्य गीत है. बिहार के दिलचस्प राष्ट्रीय गीत को कवि सत्यनारायण ने लिखा है. बिहार को अपना खुद का राज्य गीत राज्य गठन के 100 साल पूरे होने पर मिला था. इस राज्य गीत को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही कैबिनेट ने साल 2012 में मंजूरी दी थी. जिसके बाद पहली बार इस राष्ट्रगीत को साल 2012 में ही बिहार दिवस के मौके पर प्रस्तुत किया गया था. साल 2012 से ही कोई भी सरकारी कार्यक्रम में सबसे पहले बिहार के राष्ट्रीय गीत को गाया जाता है.
बिहार के दिलचस्प राज्य गीत के बोल
मेरे भारत के कंठहार,
तुझको शत-शत वंदन बिहार!
मेरे भारत के कंठहार,
तुझ को शत-शत वंदन बिहार!
तुम वाल्मीकि की रामायण हो,
आप वैशाली के लोकतंत्र हैं!
तू बोधि तत्व की करुणा है,
तू महावीर का शांति मंत्र!
आप नालंदा के ज्ञानद्वीप हैं,
तू ही अक्षत चंदन बिहार!
तू है अशोक की धर्म ध्वजा,
तू गुरु गोविंद की वाणी है!
तू आर्यभट्ट , तू शेर शाह,
तू कुंवर सिंह की बलिदानी है!
तू बापु की है कर्मभूमि,
धरती का स्वर्ग बिहार!
तेरी गौरवगाथा अपूर्व,
तू विश्व शांति का अग्रदूत!
लौटेगा हमारा स्वाभिमान,
अब जाग चुके तेरे सपूत!
अब तू माथे का विजय तिलक,
आँखों का इंजन तुम हो बिहार!
तुझको शत-शत वंदन बिहार,
मेरे भारत के कंठहार!
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