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पटना : दुनिया समेत भारत में पेट्रोल और डीजल की खपत बहुत अधिक है. भारत में पेट्रोल और डीज़ल के दामों पर बहुत कुछ निर्भर करता है. मंहगाई का घटना और बढ़ना भी इसमें शामिल है. पिछले कई महीनों से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी. जिसके बाद से दामों में स्थिरता बनी हुई है .
क्रूड आयल की गिरवाट नहीं थम रही
कच्चे तेल में पिछले कई महीनों से जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ. वो थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूस और यूक्रेन युद्ध प्रभाव के कारण कच्चे तेल के दाम बहुत तेजी से बढ़ गए थे. जिससे सभी देशों को चिंता सताने लगी थी कि कच्चे तेल के दामों में कमी होगी या नहीं, लेकिन कुछ महीनों से कच्चे तेल के दामों में कमी नजर आ रही है और बहुत तेजी से दामों में गिरावट होती दिख रही है. एक हफ्ते में क्रूड आयल के दामों में लगभग 12% की गिरावट हो चुकी है.
'वैश्विक मंदी' का डर से दुनियाभर के बाजारों का बुरा हाल
पिछले कुछ महीनों से दुनिया भर में 'वैश्विक मंदी' का डर सताने लगा है. जिसके चलते क्या इक्विटी बाजार क्या कमोडिटी बाजार सब जगह बस लाल निशान छाया हुआ है. गिरावट मानो थमने का नाम नहीं ले रही है. लगातार गिरवाट का सिलसिला जारी है. कुछ दिनों पहले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा की जब कच्चे तेल के दाम ज्यादा थे. तब भी पेट्रोल कम्पनियों ने अपने दाम नहीं बढ़ाये थे. इसके चलते अब जब क्रूड ऑयल का प्राइस नीचे गिर रहा है तो पेट्रोलियम कंपनियां अपने नुकसान की भरपाई कर रही हैं. जिसके चलते दामों में कमी नहीं हो रही है.
एक तरफ मंहगाई की मार लगातार लोगों की जेब काट रही है तो दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है. कच्चे तेल में गिरावट के बाद लोग कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन पेट्रोलियम मंत्री के ताजा बयान से तो नहीं लग रहा कि लोगों को अभी कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. बिहार की राजधानी पटना में पेट्रोल और डीज़ल के दामों की बात की जाये तो पेट्रोल 107.59 रुपये प्रति लीटर वहीं डीज़ल का दाम 94.36 रुपये प्रति लीटर है.