Aaj Ka Panchang: क्या है ऋषि पंचमी, इस दिन ब्राह्मणों को क्यों देना चाहिए दान, जानें राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
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Aaj Ka Panchang: क्या है ऋषि पंचमी, इस दिन ब्राह्मणों को क्यों देना चाहिए दान, जानें राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

Aaj Ka Panchang 2024: आचार्य मदन मोहन के अनुसार मान्यता है कि ऋषि पंचमी के दिन पूजा करने से मासिक धर्म के दौरान अनजाने में हुए पाप मिट जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन ब्राह्मण को केला, घी, शक्कर और वस्त्र दान करना चाहिए.

 

Aaj Ka Panchang: क्या है ऋषि पंचमी, इस दिन ब्राह्मणों को क्यों देना चाहिए दान, जानें राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

Aaj Ka Panchang: आज 8 सितंबर 2024 को ऋषि पंचमी का पावन त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन महिलाएं सप्तऋषियों की पूजा करती हैं और “ॐ सप्तऋषये नमः” मंत्र का जाप करती हैं. मान्यता है कि इस पूजा से रजस्वला (मासिक धर्म) के दौरान जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन ब्राह्मणों को केला, घी, शक्कर और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी दी जानी चाहिए. इस अवसर पर हमें नेक काम करने चाहिए, किसी की निंदा और बुराई से बचना चाहिए. मन को शांत रखने के लिए भगवान की आराधना करनी चाहिए. आचार्य मदन मोहन से आइए जानते हैं आज का पंचांग और शुभ-अशुभ मुहूर्त:

आज का पंचांग (8 सितंबर 2024)
तिथि: पंचमी (7 सितंबर रात 05:37 से 8 सितंबर रात 07:58 तक)
पक्ष: शुक्ल
वार: रविवार
नक्षत्र: स्वाती
योग: इंद्र, रवि योग
राहुकाल: शाम 05:00 से शाम 06:34 तक
सूर्योदय: सुबह 06:03
सूर्यास्त: शाम 06:35
चंद्रोदय: सुबह 10:25
दिशा शूल: पश्चिम दिशा में यात्रा करने से बचें
चंद्र राशि: तुला
सूर्य राशि: सिंह

आज के शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:28 से 05:13 तक
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:44 तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:47 से रात 07:09 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:38 से 03:29 तक
निशिता काल: रात 12:00 से 12:45 (9 सितंबर)

आज के अशुभ मुहूर्त:

यमगण्ड काल: दोपहर 12:18 से 01:52 तक
विडाल योग: दोपहर 03:31 से सुबह 06:05 (9 सितंबर)
गुलिक काल: दोपहर 03:26 से शाम 05:00 तक

ऋषि पंचमी पर पूजा विधि
आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस दिन सप्तऋषि (कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि, और विश्वामित्र) की पूजा की जाती है. ये ऋषि ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश माने जाते हैं. पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते, कुश, रोली, चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें.

महत्वपूर्ण उपाय
इसके अलावा बता दें कि इस दिन महिलाओं को सप्तऋषियों की पूजा करके रजस्वला से जुड़े दोषों से मुक्ति पाने का अवसर मिलता है. इस पूजा से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है.

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