बिहार में भव्य रामायण मंदिर की तैयारी, दुनिया के इस विराट मंदिर इस तारीख से शुरू होगा निर्माण कार्य
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बिहार में भव्य रामायण मंदिर की तैयारी, दुनिया के इस विराट मंदिर इस तारीख से शुरू होगा निर्माण कार्य

बिहार के पूर्वी चंपारण में विश्व का विशालतम और भव्य विराट रामायण मंदिर का निर्माण होना है. इसके लिए तैयारी की जा रही है.

(फाइल फोटो)

Ramayan Mandir: बिहार के पूर्वी चंपारण में विश्व का विशालतम और भव्य विराट रामायण मंदिर का निर्माण होना है. इसके लिए तैयारी की जा रही है. बता दें कि पूर्वी चम्पारण के कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया गांव भव्य रामायण मंदिर का निर्माण होना है. 

इस भव्य रामायण मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होना है.ऐसे में इस के निर्माण कार्य की तैयारी का जायजा लेने के लिए धार्मिक न्यास बोर्ड के सचिव आचार्य किशोर कुणाल यहां पहुंचे थे. आचार्य किशोर कुणाल ने यहां अधिकारियों और ग्रामीणों से मुलाकात की और यहां रामायण मंदिर के निर्माण कार्य में जो जमीन के अधिग्रहण को लेकर बाधा आ रही है उसके निदान को लेकर बात की. किशोर कुणाल ने यहां बताया कि 20 जून से रामायण मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होगा. इस मंदिर के निर्माण के लिए जिस कंस्ट्रक्शन कंपनी को चुना गया है उसकी घोषणा 6 जून को होगी. 

किशोर कुणाल की मानें तो इस मंदिर का नक्शा आ गया है. उन्होंने बताया कि मंदिर 1080 फीट लंबा और 580 फीट चौड़ा होगा वहीं इस मंदिर की उंचाई 270 फीट होगी. यह मंदिर  3 लाख 76 हजार वर्ग फीट में फैला होगा. यहां विश्व का सबसे बड़ा शिव लिंग भी स्थापित किया जाएगा.इसकी लंबाई 33 फिट और ऊंचाई 33 फीट होने के साथ इसकी मोटाई भी 33 फीट ही होगी. इस शिवलिंग पर जलार्पण करने के श्रद्धालुओं को तीसरी मंजिल पर जाकर वहां से जलार्पण करने की व्यवस्था होगी. बता दें कि तमिलनाडु के महाबलीपुरम में पत्थर को काटकर इस विशाल शिवलिंग का निर्माण कराया जाएगा. 

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बता दें कि इस विशाल और भव्य शिवलिंग का वजन लगभग 250 मीट्रिक टन होने के साथ ही इसे तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली की पहाड़ी ग्रेनाइट से बनवाया जाएगा. इस शिवलिंग के ऊपर पांच मुख यानी पंचानन बना होगा. इसके साथ ही इसके नीचे वाले हिस्से में सहस्त्र शिवलिंग (1008) बने होंगे. 

किशोर कुणाल की मानें तो यहां इस मंदिर के निर्माण के लिए जो कंस्ट्रक्शन कंपनी पहले से निर्धारित की गई थी उसे मंदिर निर्माण के काम से हटा दिया गया है. इस रामायण मंदिर के लिए 2012 में भूमि पूजन किशोर कुणाल के द्वारा किया गया था. इसके बाद 2022 में इसका एक बार फिर से शिलान्यास किया गया. 

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