Gopalganj: देवोत्थानी एकादशी के दिन खेत में मिली भगवान विष्णु की मूर्ति, ग्रामीणों ने शुरू की मंदिर बनाने की तैयारी
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Gopalganj: देवोत्थानी एकादशी के दिन खेत में मिली भगवान विष्णु की मूर्ति, ग्रामीणों ने शुरू की मंदिर बनाने की तैयारी

बिहार के गोपालगंज जिले सोनिकपुर संत पट्टी गांव में देवोत्थान एकादशी के दिन यानी गुरुवार को किसान के खेत में जुताई दौरान भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति मिली.

 (फाइल फोटो)

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले सोनिकपुर संत पट्टी गांव में देवोत्थान एकादशी के दिन यानी गुरुवार को किसान के खेत में जुताई दौरान भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति मिली. इसके बाद ग्रामीण इसे भगवान का आशीर्वाद और गांव के लिए सुख, समृद्धि की बात कर अब उसी स्थान पर मंदिर बनने की तैयारी शुरू कर दी.

 

दरअसल, यह पूरा मामला गोपालपुर थाना क्षेत्र के सोनिकपुर संत पट्टी की है. यहां पन्नालाल कुशवाहा के खेत में दीनानाथ का ट्रैक्टर लेकर चालक संजय शर्मा खेत की जुताई कर रहे थे. जुताई के क्रम में ट्रैक्टर की हल से कोई भारी चीज टकराई और आवाज हुआ. इसके बाद चालक ने ट्रैक्टर को रोक दिया और उस स्थान को देखना शुरू किया. इसके बाद उसे जमीन में दबी एक भारी वस्तु दिखाई दी. जिसे वह जब निकाला और साफ सफाई की तो उसे भगवान विष्णु की मूर्ति का एहसास हुआ. इसके बाद यह सूचना गांव में आग की तरह फैल गई और ग्रामीण जुट गए.

प्रशासन को भी सूचना प्राप्त हुई, तब गोपालपुर थाना प्रभारी रंजीत कुमार पासवान तथा बीडीओ सुनील कुमार मिश्रा पहुचें और मूर्ति की जांच करने पहुंचे. प्रशासन यह पता लगाने में जुटें है कि कहीं यह चोरी की प्रतिमा तो नहीं है.

इधर, ग्रामीण उसी स्थान पर विष्णु की प्रतिमा रखकर पूजा पाठ शुरू कर दी और मंदिर बनाने की तैयारी शुरू हो गई. ग्रामीण बताते हैं कि फिलहाल यहां पूजा पाठ शुरू है. मंदिर निर्माण के लिये जमीन मालिक की ओर से भी सहमति देने की बात बताई जा रही है. ग्रामीण मंदिर निर्माण के लिए चंदा करने में जुट गए. मूर्ति में दिख रहे भगवान विष्णु अपने हाथों में शंख, चक्र, गदा और पुष्प धारण किए हुए हैं. मुख्य प्रतिमा के तीन तरफ किनारे- किनारे अन्य देवी- देवताओं के छोटे-छोटे चित्र बने हुए हैं.

अनुमान लगाया जा रहा है कि मूर्ति दो सौ से चार सौ वर्ष पुरानी होगी. ग्रामीण कहते हैं कि देवोत्थान एकादशी के दिन हरि की प्रतिमा मिलना गांव के लिए शुभ है. बताया जाता है कि पहले भी इस इलाके में हनुमान जी और राधाकृष्ण की भी मूर्ति मिल चुकी है.

(इनपुट आईएएनएस के साथ) 

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