Nitish Cabinet Expansion: भाजपा में इस बार अकेले पश्चिमी चंपारण जिले से मंत्री पद के 4 दावेदार हैं. पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, भागीरथी देवी, विनय बिहारी और नारायण कुशवाहा. वहीं मोतिहारी से राणा रणधीर और प्रमोद कुमार भी पहले मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.
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Nitish Cabinet Expansion: नीतीश कुमार की सरकार के बने एक महीने से ज्यादा हो गए हैं पर अभी तक सरकार 8 मंत्रियों से ही काम चला रही है. मंत्रियों पर काम का लोड बहुत ज्यादा है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने का डर है तो काम भी जल्दी जल्दी निपटाना है. पहले बताया जा रहा था कि 1 मार्च को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है, क्योंकि 2 मार्च को पीएम मोदी बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. लेकिन अभी तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो पाया है. हालांकि इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है और माना जा रहा है कि पीएम मोदी के बिहार से निकलते ही एक दो दिन में कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. उससे पहले जेडीयू और भाजपा दोनों मंत्रियों के नाम पर मंथन कर रहे हैं.
सबसे पहले बात करते हैं भाजपा की, भाजपा की बात सबसे पहले इसलिए कि वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. हालांकि उसके तीन विधायकों पर दलबदल विरोधी कानून का खतरा मंडरा रहा है. इसके अलावा, भाजपा में मंत्री बनने के दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी है. भाजपा की ओर से 2 दर्जन से अधिक नेता नीतीश सरकार में अलग अलग समय में मंत्री रह चुके हैं और सबकी दावेदारी इस बार भी पेश हो रही है.
भाजपा में इस बार अकेले पश्चिमी चंपारण जिले से मंत्री पद के 4 दावेदार हैं- पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, भागीरथी देवी, विनय बिहारी और नारायण कुशवाहा. वहीं मोतिहारी से राणा रणधीर और प्रमोद कुमार भी पहले मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.
मधुबनी से विनोद नारायण झा, रामप्रीत पासवान और नीतीश मिश्रा भी पहले मंत्री रह चुके हैं और इस बार भी इनकी दावेदारी प्रबल है. ऐसी ही हालत कई जिलों में है. बड़ी बात यह है कि इस बार भाजपा ने जिस तरह से प्रेम कुमार और नंद किशोर यादव तरजीह दी है, उससे कई पुराने नेताओं की महत्वाकांक्षाएं जाग गई हैं.
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जेडीयू के 3 चेहरों में हो सकता है बदलाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की बात करें तो 3 चेहरों को बदला जा सकता है. पिछली सरकार में मंत्री रहे संजय झा राज्यसभा चले गए हैं तो उनकी जगह किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है. उधर, महेश्वर हजारी ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है तो कैबिनेट में उनको भी जगह देने की बात कही जा रही है. वहीं जयंत राज की जगह सुधांशु शेखर को मंत्री बनाने पर विचार कर रही है. फ्लोर टेस्ट में इन्होंने पार्टी के लिए मोर्चा संभाला था.