जनवरी का आखिरी हफ्ता बिहार और झारखंड के लिए रहा भारी, पटना से रांची तक मचता रहा सियासी बवंडर
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जनवरी का आखिरी हफ्ता बिहार और झारखंड के लिए रहा भारी, पटना से रांची तक मचता रहा सियासी बवंडर

Bihar News: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि झारखंड के मुख्यमंत्री लापता हो गए हैं. यहां तक कहा गया कि उनका चार्टर्ड प्लेन, जिससे वे रांची से दिल्ली आए थे, वह दिल्ली एयरपोर्ट पर है पर मुख्यमंत्री का पता नहीं है.

जनवरी का आखिरी हफ्ता बिहार और झारखंड के लिए रहा भारी, पटना से रांची तक मचता रहा सियासी बवंडर

नए साल का पहला महीना और महीने का आखिरी हफ्ता बिहार और झारखंड के लिए बहुत भारी रहा. पटना से लेकर रांची और फिर दिल्ली तक सियासी बवंडर मचता रहा. कयासबाजियों का जोर और शोर रहा और एक दूसरे पर हावी होने की होड़ भी दिखाई दी. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में 28 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद उसी दिन शाम करीब 5 बजे उन्होंने एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी. इस तरह बिहार में कल तक जो विपक्ष में था, वो सत्ता में आ गए और जो सत्ता में थे, वे अचानक विपक्ष में चले गए. एक चीज जो बिहार में नहीं बदला, वो रहे मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार. वे कल भी मुख्यमंत्री थे और आज भी मुख्यमंत्री हैं. बाकी सारी चीजें बदल गई हैं. चेहरे की रौनक भी बदल गई है. किसी से जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है तो किसी को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है.

बिहार में सत्ता परिवर्तन के ठीक अगले दिन से ​पड़ोसी राज्य झारखंड में सियासी बवंडर मच गया. दरअसल, 27 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए थे और उन्हें ईडी के समक्ष पेश होना था. ईडी के समक्ष वे पेश नहीं हुए तो ईडी उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंच गई, लेकिन हेमंत सोरेन वहां भी नहीं मिले. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि झारखंड के मुख्यमंत्री लापता हो गए हैं. यहां तक कहा गया कि उनका चार्टर्ड प्लेन, जिससे वे रांची से दिल्ली आए थे, वह दिल्ली एयरपोर्ट पर है पर मुख्यमंत्री का पता नहीं है. इस बीच सीएम सचिवालय से ईडी को मेल किया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार दोपहर बाद पूछताछ की जा सकेगी. 

मंगलवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अचानक रांची पहुंच गए और विधायक दल की बैठक शुरू हो गई. विधायक दल की बैठक में कल्पना सोरेन भी पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि इस विधायक दल में यह तैयारी थी कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी की स्थिति में कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा और वहीं झारखंड की अगली मुख्यमंत्री होंगी, लेकिन सोरेन परिवार में कल्पना को लेकर एकराय नहीं बनी और कुछ विधायकों ने कल्पना को लेकर विरोध के सुर बुलंद कर दिए. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर विधायकों से 2 सादे कागज पर साइन करवाए गए. एक कागज पर कल्पना सोरेन और दूसरे पर चंपई सोरेन का नाम दर्ज था. मंगलवार रात को भी एक बार फिर विधायक दल की बैठक हुई थी. 

बुधवार को दोपहर बाद ईडी की गाड़ियां मुख्यमंत्री निवास पहुंच गईं और उनसे पूछताछ शुरू हो गई. रात साढ़े 8 बजे के बाद वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे. बताया जा रहा है कि ईडी ने उन्हें हिरासत में ले लिया है और वे हिरासत में ही राजभवन में इस्तीफा देने पहुंच गए हैं. उधर, विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन को नेता चुन लिया गया है और माना जा रहा है कि झारखंड के अगले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ही होंगे.

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