Land For Job Case: अमित कात्याल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ. सभी आरोपियों ने कोर्ट से नियमित ज़मानत की याचिका दाखिल की. कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया.
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Land For Job Case: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. तीनों को कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में अंतरिम जमानत दी है. हृदयानंद चौधरी को भी कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है.
लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ओर से दायर मनी लॉन्ड्रिंग का के में राबडी देवी, मीसा भारती ,हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी दिल्ली की राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में पेश हुए. अमित कात्याल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ. सभी आरोपियों ने कोर्ट से नियमित ज़मानत की याचिका दाखिल की. कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया. ईडी (ED) को नोटिस नियमित जमानत अर्जी पर हुआ है.
इसी बीच कोर्ट ने राबडी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को अंतरिम जमानत दी. इन सभी पर बिहार में जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप हैं. कोर्ट 28 फरवरी को इस मामले पर आगे सुनवाई करेगा.
बता दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने अमित कात्याल को सोमवार को मेडिकल के आधार पर अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें पिछले साल राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के कई सदस्यों से जुड़े नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. कात्याल को पहले हिरासत में लिया गया और बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत 11 नवंबर, 2023 को गिरफ्तार किया गया था.
केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया कि अमित कात्याल ने राजद प्रमुख और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री की ओर से कई उम्मीदवारों से जमीन अधिग्रहण की थी. ईडी ने दावा किया कि अमित कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक थे, जिसने लालू प्रसाद की ओर से उम्मीदवारों से जमीन हासिल की थी.
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ईडी के अनुसार, कंपनी का पंजीकृत पता D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है.केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया था कि अमित कात्याल ने रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में उक्त कंपनी में कई अन्य जमीनें भी हासिल कीं. इसमें कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के बाद कंपनी के शेयर साल 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए थे.