Bihar Politics: विधायकों के गुणा-गणित में पलड़ा किसका भारी है, इसको समझने के लिए एक बार बिहार विधानसभा को समझना बहुत जरूरी है. बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है.
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Bihar Politics: बिहार का राजनीतिक तूफान उमड़-घुमड़ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पलटने से भले ही सत्ता परिवर्तन हो चुका हो लेकिन पॉलिटिकल ड्रामा अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को अभी फ्लोर टेस्ट की अग्निपरीक्षा से गुजरना बाकी है और इससे पहले जीतन राम मांझी नाराज बताए जा रहे हैं. मांझी को अपनी पार्टी के लिए ना सिर्फ 2 मंत्री पद चाहिए बल्कि उनके बेटे संतोष सुमन को अच्छा मंत्रालय क्यों नहीं मिला, इसका भी दर्द है. मांझी की नाराजगी क्या सीएम नीतीश कुमार का गेम बिगाड़ सकती है? क्या अब मांझी पलटी मार सकते है और क्या फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार गिर जाएगी? ये वो सवाल हैं जो इस समय बिहार के सियासी गलियारों में खूब गूंज रहे हैं.
नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार में खेला अभी बाकी है. वहीं एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी के नाराज होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. विधायकों के गुणा-गणित में पलड़ा किसका भारी है, इसको समझने के लिए एक बार बिहार विधानसभा को समझना बहुत जरूरी है. बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है. सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 128 विधायकों का समर्थन होने का दावा पेश किया है. वहीं तेजस्वी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के पास 114 विधायक हैं.
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अगर तेजस्वी किसी तरह से 8 विधायकों का जुगाड़ कर लें तो मुख्यमंत्री की कुर्सी उनको मिल सकती है. ऐसे में उनके लिए मांझी को साधना बहुत जरूरी है. हालांकि, मांझी के 4 विधायक टूट भी जाएं तो भी एनडीए में (बीजेपी और जेडीयू को मिलाकर) आंकड़ा 124 रहेगा. ऐसे में तेजस्वी के लिए अकेले मांझी कुछ नहीं कर सकेंगे. अगर तेजस्वी को सत्ता चाहिए तो जेडीयू में सेंधमारी या क्रॉस वोटिंग करानी बहुत जरूरी है. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी की ओर से जेडीयू के नाराज विधायकों से संपर्क किया जा रहा है. फ्लोर टेस्ट से पहले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं. उन्होंने तेजस्वी से ईडी की पूछताछ का खुला विरोध करके सीएम नीतीश का ब्लड प्रेशर जरूर बढ़ा दिया है.
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हालांकि, मुख्यमंत्री भी चौकन्ना हैं और उनके टारगेट पर कांग्रेस है. यही वजह है कि कांग्रेस ने विधायकों में तोड़फोड़ के डर से 19 में से 16 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया है. कांग्रेस के 3 विधायक कहां हैं, इस बारे में तरह-तरह की बात कही जा रही है. इससे पहले तक चर्चा थी कि कांग्रेस के कम से कम 10 विधायक जेडीयू के संपर्क में हैं. नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी ने दावा किया कि 'खेला' होगा. उन्होंने कहा कि खेला तो होगा ही लेकिन किसके पक्ष में होगा, क्या होगा, ये तो समय बताएगा.